जयपुर में 7 साल की मासूम के साथ बलात्कार के मामले ने शहर को आक्रोशित कर दिया था। राजस्थान की राजधानी में इस मामले को लेकर तनाव भी बना रहा। जयपुर पुलिस ने आरोपी जीवाणु के खिलाफ आईपीसी की धारा 363, 376, 323, 341 और 376 एबी के साथ ही पोक्सो एक्ट की धाराओं 3/4 और 5/6 में आरोप पत्र पेश किया है।
पांच मामलों में हो चुकी सजा चार्जशीट में यौन दरिंदे जीवाणु की कई दरिंदगियों का भी खुलासा है। 26 साल के आरोपी जीवाणु को शास्त्री नगर थाना इलाके के ही पांच मामलों में सजा हो चुकी है, जबकि 16 मामले लंबित हैं। इनमें इस दुर्दांत अपराधी के कई गंभीर मामले भी हैं।
रेयरेस्ट आफ द रेयर केस आरोप पत्र में अभियोजन पक्ष की ओर से करीब तीन दर्जन गवाहों की सूची पेश की गई है। पोक्सो कोर्ट के जज अरुण अग्रवाल ने आरोप पत्र पर प्रसंज्ञान लेते हुए इस पर बहस के लिए 26 जुलाई की तारीख मुकर्रर की है। पुलिस ने आरोप पत्र में इस केस को रेयरेस्ट आफ द रेयर बताते हुए जीवाण को सेक्सुअल प्रिडेटर ( Sexually Predator ) यानी ‘सेक्सुअल दरिंदा’ बताया है। पुलिस ने जीवाणु को पीडोफाइल ( Pedophile ) यानी ‘बालकामुक’ बताते हुए उसकी घिनौनी मानसिकता ( Sadist ) के कारण उसे समाज में विचरण के लायक नहीं मानते हुए फांसी की सजा के योग्य बताया है।