क्राइम ब्रांच ने तस्दीक के बाद नीमराणा निवासी आरोपी को मंगलवार रात पकड़ लिया। कोर्ट-कचहरी के चक्कर में पडऩे की बजाय रजिस्ट्रेशन के नाम पर ली गई रकम तीनों पीडि़तों ने आरोपी से वापस ले ली और उन्होंने पुलिस कार्रवाई से भी इनकार दिया। हालांकि, सिंधी कैंप थाना पुलिस आरोपी से पूछताछ करने में जुटी थी।
कर्जा चुकाने के लिए बेच रहा था खुद की किडनी
सीकर के श्रीमाधोपुर निवासी एक युवक ने किडनी खरीदने के नाम पर 1500 रुपए का पंजीकरण कर लोगों से ठगी करने की पुलिस को शिकायत दी थी। युवक ने बताया कि उस पर करीब 7 लाख रुपए का कर्जा हो गया। रुपए मांगने वाले उससे दिनप्रतिदिन तकाजा कर रहे थे। कर्जा चुकाने के लिए अपनी किडनी बेचने की ठान ली और किडनी के खरीददारों की तलाश करने लगा। तब नीमराना निवासी युवक के संपर्क में आया। उसने किडनी के बदले 25 लाख रुपए दिलाने का झांसा दिया। इसके बाद पंजीकरण के नाम पर 1500 रुपए ठग लिए। कई बार तकाजा करने के बाद भी उसने किडनी नहीं बिकवाई, तब ठगी होने का पता चला।
सीकर के श्रीमाधोपुर निवासी एक युवक ने किडनी खरीदने के नाम पर 1500 रुपए का पंजीकरण कर लोगों से ठगी करने की पुलिस को शिकायत दी थी। युवक ने बताया कि उस पर करीब 7 लाख रुपए का कर्जा हो गया। रुपए मांगने वाले उससे दिनप्रतिदिन तकाजा कर रहे थे। कर्जा चुकाने के लिए अपनी किडनी बेचने की ठान ली और किडनी के खरीददारों की तलाश करने लगा। तब नीमराना निवासी युवक के संपर्क में आया। उसने किडनी के बदले 25 लाख रुपए दिलाने का झांसा दिया। इसके बाद पंजीकरण के नाम पर 1500 रुपए ठग लिए। कई बार तकाजा करने के बाद भी उसने किडनी नहीं बिकवाई, तब ठगी होने का पता चला।
जालसाज रकम हड़प गए तो ठगी शुरू
गिरफ्तार युवक ने पूछताछ में बताया कि वह भी अपनी किडनी बेचने दिल्ली गया था। वहां पर उससे पंजीकरण के नाम पर 30 हजार रुपए वसूल लिए। बाद में पता चला कि जालसाज उसकी रकम हड़प गए। इसके बाद उसने भी उसी तरह ऐसे लोगों को शिकार बनाना चालू कर दिया।
गिरफ्तार युवक ने पूछताछ में बताया कि वह भी अपनी किडनी बेचने दिल्ली गया था। वहां पर उससे पंजीकरण के नाम पर 30 हजार रुपए वसूल लिए। बाद में पता चला कि जालसाज उसकी रकम हड़प गए। इसके बाद उसने भी उसी तरह ऐसे लोगों को शिकार बनाना चालू कर दिया।