मामला बारां जिले के गजनपुरा गांव का है। पीड़ित मोतीलाल वर्मा ने कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है कि उसके पास दो-तीन दिन पहले एक लेटर आया। जो नई दिल्ली की एक कंपनी के नाम से था। जिसमें एक स्क्रैच कूपन भी मौजूद था। इस स्क्रैच कूपन को स्क्रैच करने के साथ एक फार्म को भर कर व्हाट्सएप करने के लिए कहा गया। स्क्रैच कूपन में साढ़े 8 लाख की रकम दर्शाई गई। इस राशि को जीतना बताया गया। जैसे ही कम्पनी मे फार्म भर के व्हाट्सएप किया। कंपनी ने इस पर पहले जीती हुई रकम की 1% राशि जमा कराने के लिए कहा। कंपनी द्वारा अपने अकाउंट नंबर दिए गए। फिर युवक ने उस अकाउंट में साढ़े 8 हजार रूपए जमा करवा दिए।
फिर कंपनी का पीड़ित के पास मैसेज आया की आरबीआई ने आपका पेमेंट रोक लिया है। इसलिए साढ़े 17 हजार रूपए और जमा करवाएं। पीड़ित युवक ने फिर साढ़े 17 हजार रूपए एकाउंट में जमा करवा दिए।
ठगी की वारदात यहां भी खत्म नहीं हुई। 25 हजार रुपए लेने के बाद भी पीड़ित के पास फिर मैसेज आया कि आपको आरबीआई से क्लीयरेंस नहीं मिल रही है। इसलिए 25,500 रुपए और जमा करवाया जाए। लगातार रुपए की डिमांड को देखते हुए पीड़ित को ठगी का शक हो गया। फिर पीड़ित ने अपने दोस्त को इस बारे में पूरी जानकारी दी। दोस्त ने पूरा मामला जानने के बाद पीड़ित को थाने में रिपोर्ट देने के लिए कहा।
कोतवाली पुलिस ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस बैंक डिटेल, फोन नंबर के आधार पर आरोपियों को डिटेन करने का प्रयास कर रहीं है। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है।