खतरनाक तत्वों की होगी जांच
शहर में पीएम 2.5 मॉनिटर, यूवी विजिबल स्पेक्ट्रोमर्स, आईसीपी एमएस मशीनों के लिए मॉनिटरिंग होगी। इससे हवा में पीएम (पर्टिकुलेट मैटर) 2.5, 10 सल्फर डाई ऑक्साइड, नाइट्रोजन डाई आक्साइड के साथ साथ पर्यावरण के साथ साथ इंसानों के नुकसान पहुंचाने वाले खतरनाक तत्व लेड, बैरियम, आयरन, स्ट्रोनियम की मात्रा भी पता चलेगी।
शहर में पीएम 2.5 मॉनिटर, यूवी विजिबल स्पेक्ट्रोमर्स, आईसीपी एमएस मशीनों के लिए मॉनिटरिंग होगी। इससे हवा में पीएम (पर्टिकुलेट मैटर) 2.5, 10 सल्फर डाई ऑक्साइड, नाइट्रोजन डाई आक्साइड के साथ साथ पर्यावरण के साथ साथ इंसानों के नुकसान पहुंचाने वाले खतरनाक तत्व लेड, बैरियम, आयरन, स्ट्रोनियम की मात्रा भी पता चलेगी।
मिला था 37 वां स्थान
आईक्यू एयर विजुअल और ग्रीनपीस की ओर से जारी विश्व के सबसे प्रदूषित टॉप 50 की सूची में जयपुर का 37वां स्थान है। बीते साल जनवरी से दिसम्बर तक 2.5 पीएम कणों का औसत स्तर 67.6 रहा। जोधपुर और पाली में भी प्रदूषण की स्थिति बदहतर है। 2018 में जयपुर में सबसे ज्यादा प्रदूषण जून और जनवरी में रहा। विश्व सूची के हिसाब से प्रदेश में जोधपुर की आबोहवा सबसे खराब है। इस सूची में जोधपुर का 12 वां स्थान है।
आईक्यू एयर विजुअल और ग्रीनपीस की ओर से जारी विश्व के सबसे प्रदूषित टॉप 50 की सूची में जयपुर का 37वां स्थान है। बीते साल जनवरी से दिसम्बर तक 2.5 पीएम कणों का औसत स्तर 67.6 रहा। जोधपुर और पाली में भी प्रदूषण की स्थिति बदहतर है। 2018 में जयपुर में सबसे ज्यादा प्रदूषण जून और जनवरी में रहा। विश्व सूची के हिसाब से प्रदेश में जोधपुर की आबोहवा सबसे खराब है। इस सूची में जोधपुर का 12 वां स्थान है।