दर्ज करवाएं जानकारी
मरीजों को बिना एक्सपायरी लिखी टेबलेट खरीदने में भी संकोच नहीं करना चाहिए। वह यह जानकारी दवा के बिल पर दर्ज करवा विक्रेता से दवा खरीद सकते हैं।
नियम तो ये हैं
दवा विक्रेता मरीज को पूरा पत्ता खरीदने का दबाव नहीं बना सकते। फिर भी कोई दवा विक्रेता दबाव बनाता है तो वह उस क्षेत्र के औषधि नियंत्रण अधिकारी को शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। अजय फाटक, औषधि नियंत्रक
ऐसी टेबलेट सबसे अंत में बेचें
औषधि नियंत्रण संगठन के अनुसार यह दवा विक्रेता की जिम्मेदारी है कि वह दवा के पत्ते पर एक्सपायरी लिखी टेबलेट को सबसे आखिर में बेचे। इसीलिए पत्ते पर यह जानकारी सबसे अंत में दो या चार टेबलेट पर लिखी जाती है।
सामान्य बीमारी में परेशानी
इस तरह की समस्या सामान्य बीमारियां होने पर ही सामने आ रही है। बीपी, डायबिटीज जैसी दीर्घकालिक बीमारियों के अलावा किडनी, लिवर, कैंसर व अन्य गंभीर बीमारियों की दवा लिखी ही अधिक दिनों की जाती है। ऐसे में इनकी खरीद में समस्या कम ही आती है।
बिना एक्सपायरी देखे नहीं खरीदते मरीज
दवा विक्रेताओं के अनुसार परेशानी तब आती है जब मरीज एक्सपायरी दिनांक व बैच नंबर नहीं देखकर दवा खरीदने से इनकार कर देता है। ऐसे में विक्रेता को फटका लगता है। हालांकि सरकारी अस्पतालों के नि:शुल्क दवा वितरण केन्द्रों पर यह समस्या सामने नहीं आ रही।