जयपुर। रवींद्र मंच के स्टूडियो थियेटर में ‘रंग बताशे. 3 सोलो फेस्टिवल’ में आज अंतिम दिन भी दो सोलो प्रस्तुतियां प्रस्तुत की गईं। पहली प्रस्तुति थी ‘शतरंज के खिलाड़ी’। मुंशी प्रेमचंद की लिखी इस कहानी को एकल अभिनय में प्रस्तुत किया हिमांशु कुमार ने। नाटक में बताया गया कि कैसे दो शतरंज के दीवाने शतरंज खेलने के चक्कर में अपनी सल्तनत दाव पर लगा देते हैं और बर्बाद हो जाते हैं। नाटक राजाओं की विलासिता प्रेम पर कटाक्ष करता है। नाटक का निर्देशन दीपक गुप्ता और तपन भट्ट ने किया। दूसरी प्रस्तुति थी ‘मैं मुसलमान हूं’। आजादी के इतने साल बाद भी हम हिन्दू और मुसलमान में बंटे हुए हैं और सत्ता पर बैठे लोगों की कठपुतली बने हुए हैं। नाटक कहता है कि कोई भी देश वो और मैं से नहीं बनता बल्कि हम से बनता है। नाटक में जबरदस्त एकल अभिनय शाहरुख खान ने किया और नाटक का निर्देशन तपन भट्ट दीपक गुप्ता ने किया। नाटको में रूप सज्जा रवि बांका की थी और सेट एवं लाइट दीपक गुप्ता की रही। नाटक सोशियल अवेयरनेस वॉयस ऑफ ईच सोसाइटी संस्था द्वारा प्रस्तुत किए गए।
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