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सुपर मॉडल से कम नहीं राजस्थान की ये सरपंच, काम का अंदाज भी ऐसा कि हर कोई हो गया दीवाना

locationजयपुरPublished: Jun 26, 2019 11:26:56 am

Submitted by:

dinesh Dinesh Saini

Chhavi Rajawat, Woman Sarpanch From Soda : Chhavi यह नाम है Rajasthan की ऐसी बेटी का जिसने देश के पढ़े-लिखे युवाओं के सामने एक अनूठा और आज के दौर में आवश्यक उदाहरण रखा है…

Chhavi Rajawat
जयपुर। Chhavi Rajawat , यह नाम है राजस्थान की ऐसी बेटी का जिसने देश के पढ़े-लिखे युवाओं के सामने एक अनूठा और आज के दौर में आवश्यक उदाहरण रखा है। Rajasthan के जयपुर से 60 किमी दूर ग्राम सोड़ा ( woman Sarpanch From Soda ) में जन्मीं छवि राजावत ने कभी यह नहीं सोचा होगा कि एक दिन वह विश्व पटल पर आम भारतीय नारी की प्रखर छवि स्थापित करने में कामयाब होगी। छवि का जन्म 1980 में हुआ। वे भारत की सबसे कम उम्र की और शायद एकमात्र एमबीए सरपंच हैं। वे नवंबर 2013 में स्थापित भारतीय महिला बैंक की एक निदेशक ( Director ) भी हैं।
Chhavi Rajawat
सरपंच नहीं, लगती हैं मॉडल ( Woman Sarpanch )
संयुक्त राष्ट्र के 11वें इन्फो पॉवर्टी वल्र्ड कॉन्फ्रेंस में छवि ने अपनी कुशल प्रतिभागिता दर्ज की। आखिर इसमें कोई नया कमाल नहीं था। लेकिन कमाल यह था कि 24 और 25 मार्च 2011 को संयुक्त राष्ट्र की ओर से हुई इस बहस में छवि ने ग्राम सरपंच के रूप में प्रतिनिधित्व किया। छवि का जब अध्यक्ष ने सरपंच के रूप में ( Sarpanch Chhavi Rajawat ) परिचय करवाया तो कॉन्फ्रेंस में बैठे सभी लोग चकित रह गए। आमतौर पर एक महिला ग्राम सरपंच की छवि हमारे लिए सिर पर पल्लू, चेहरे पर संकोच, शब्दों की हकलाहट, जैसी होती है। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र की उस बहस में शामिल लोगों के लिए भी यह सोच ऐसी ही थी। लेकिन हुआ इसका उलटा, जिसने भी छवि राजावत को देखा तो दंग रह गया। उनके सामने खड़ी वह सरपंच एक आकर्षक मॉडल की तरह लग रही थी। छवि को मॉर्डन अंदाज में देखकर ग्राम सरपंच मानना हर किस‍ के लिए अचरज भरा था। जींस और स्टाइलिश टॉप में किसी भारतीय ग्राम सरपंच से मुखातिब होना विदेशियों के लिए एक अनूठा अनुभव था।
Chhavi Rajawat
छोटे से गांव की हैं रहने वाली
छवि राजावत का जन्म राजस्थान की राजधानी Jaipur में हुआ, किन्तु वे राजस्थान के Tonk जिला अंतर्गत मालपुरा तहसील के एक छोटे से गांव सोडा की रहने वाली है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा ऋषि वैली स्कूल (आंध्र प्रदेश) और मेयो कॉलेज गर्ल स्कूल, अजमेर में हुई। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्री राम कॉलेज से स्नातक किया और पुणे के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ माडर्न मैनेजमेंट से एमबीए की डिग्री हासिल की।
ग्रामीणों के साथ बिताती हैं घंटों समय
छवि अपने गांव सोडा और जयपुर में बराबर माता-पिता के साथ समय बिताती हैं। वह किसानों के बच्चों के साथ खेलती बड़ी हुई हैं। वह ग्रामीणों की परेशानियों को दूर करने के लिए उनके साथ प्रतिदिन घंटों समय बिताती हैं। सरपंच ( sarpanch ) बनने के पीछे उनकी भावना अपने गांव के लिए काम करने की रही है। छवि कहती है कि ‘मेरे दादाजी ब्रिगेडियर रघुबीर सिंह लगातार तीन बार सोडा से सरपंच चुने गए थे और उनकी इच्छा थी कि मैं भी उनके पदचिंहों पर चलूं।‘ छवि का कहना कि उनका राजनीति में जाने का कोई इरादा नहीं है और वह केवल अपने गांव के लोगों की मदद करना चाहती हैं।
Chhavi Rajawat
चकाचौंध भरी जिंदगी को छोड़ गांव की मिट्टी से जुडऩे का फैसला
पुणे के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ माडर्न मैनेजमेंट से एमबीए की डिग्री हासिल करने वाली छवि कई नामी कारपोरेट कंपनियों में काम कर चुकी हैं। उन्होंने चकाचौंध भरी जिंदगी का साथ छोड़ गांव की मिट्टी से जुडऩे का फैसला किया। इसके लिए सरपंच का चुनाव लडऩे का फैसला किया। 4 फऱवरी 2011 को छवि ( chhavi rajawat sarpanch ) ने अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी को रिकॉर्ड 1200 मतों से हराकर सरपंच चुनाव में जीत दर्ज की। चुनाव जीतने के बाद छवि ने कहा कि ‘मैं गांव में सेवा करने के उद्देश्य से आई हूं।‘ वह अपने गांव में वॉटर हार्वेस्टिंग कार्यक्रम चला रही हैं। साथ ही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना के तहत चलाए जा रही सभी योजनाओं पर पैनी नजर रखती हैं और सक्रिय कदम उठाती हैं। अभी हाल में ही यूएनओ की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में छवि ने शिरकत की थी और गांव की तरक्की का खाका पेश किया था। नवंबर 2013 में नवस्थापित भारतीय महिला बैंक के निदेशक मंडल में उनकी नियुक्ति की गई।

उपलब्धि
– वर्ष-2011 में छवि ने संयुक्त राष्ट्र संघ में आयोजित 11 वें इन्फो पॉवर्टी विश्व सम्मेलन में दुनिया भर से मंत्रियों और राजदूतों को संबोधित किया।
– मई -2011 में पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम ने नई दिल्ली में प्रौद्योगिकी दिवस समारोह में छवि को सम्मानित किया। इस अवसर पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी
विज्ञान मंत्री पवन बंसल भी उपस्थित थे।
– भारतीय युवा नेत्री का खिताब : देश को दिशा देने वाले आठ भारतीय युवा नेताओं में से एक होने का गौरव।

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