scriptट्विटर पर छाया भीलवाड़ा मॉडल, कई राज्यों में लागू | Chhaya Bhilwara model on Twitter, implemented in many states | Patrika News

ट्विटर पर छाया भीलवाड़ा मॉडल, कई राज्यों में लागू

locationजयपुरPublished: Apr 10, 2020 12:05:16 am

– स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया रोल मॉडल, पीएमओ तक पहुंचाई जानकारी

ट्विटर पर छाया भीलवाड़ा मॉडल, कई राज्यों में लागू

ट्विटर पर छाया भीलवाड़ा मॉडल, कई राज्यों में लागू

भीलवाड़ा. राजस्थान में सबसे पहले कोरोना जोन बने भीलवाड़ा शहर में इस वायरस से संक्रमण को नियंत्रित कर देश में मिसाल पेश की गई। यहां जिस ढंग से काम हुआ उसे राज्य सरकार ने भीलवाड़ा मॉडल का नाम दिया। अब इसकी वाहवाही चारों तरफ हो रही है। भीलवाड़ा मॉडल ट्विटर, फेसबुक, विदेशी मीडिया में छाया है। कई केंद्रीय मंत्रियों ने इस मॉडल को ट्वीट किया है। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) नई दिल्ली के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया कह चुके हैं कि कोरोना तीसरे स्टेज में पहुंच चुका है। अब कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा बढ़ रहा है इसलिए पूरे देश में भीलवाड़ा मॉडल लागू किया जाए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल तथा केबिनेट सचिव राजीव गौबा भी मॉडल की तारीफ कर चुके हैं। उन्होंने मॉडल के प्रजेंटेशन को प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचाया। बताया है कि किस तरह देश में लागू कर कोरोना पर नियंत्रण किया जा सकता है। मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने वीसी में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को इसकी जानकारी दी। खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भीलवाड़ा में काम की तारीफ की और इस मॉडल को मुख्यमंत्रियों को भेजा। एमपी के इंदौर सहित कई शहरों ने इसे लागू कर दिया। जिला कलक्टर राजेंद्र भट्ट ने बताया कि उन्होंने टीम वर्क से काम किया, यह इसी का नतीजा है। वे इस प्रजेंटेशन के बारे में कई राज्यों के कलक्टर को जानकारी दे चुके हैं।
कई नेताओं व अफ सरों ने किया ट्वीट

भीलवाड़ा मॉडल ट्विटर पर छाया है। लोग कई तरह के ट्रेंड से इसे री-ट्वीट कर रहे हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश, पूर्व बीजेपी नेता व उपराज्यपाल किरण बेदी, ऑल इंडिया महिला कांग्रेस व मुंबई कांग्रेस सहित कई नेताओं ने इस मॉडल को ट्वीट किया है। सीएम गहलोत कई बार ट्वीट कर इसे आदर्श बता चुके।
ये हैं भीलवाड़ा मॉडल

01. पूरे जिले को आइसोलेट करना ताकि कोई न बाहर से आए व न जाए।

02. कोरोना के हॉटस्पॉट चिन्हित कर जीरो मॉबिलिटी जोन बनाना।

03. रोगी के कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग फ टाफ ट करना ताकि वे आगे न जाए। उन्हें तुरंत होम आइसोलेट करना।
04. डोर टू डोर सर्वे। इसमें हर व्यक्ति की हिस्ट्री सामने आ जाएगी।

05. होम आइसोलेट लोगों पर बराबर निगरानी रखना। घर के बाहर सरकारी पहरा हो।

06. जिले की बोर्डर पूरी तरह सील ताकि किसी का मूवमेंट न हो। बाहर से आए हर व्यक्ति का रिकॉर्ड रख जांच करना।
07. घर-घर खाद्य सामग्री व दूध पहुंचाना।

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