मामला रोचक है, लेकिन मुख्यमंत्री ने उनकी बात गंभीरता से सुनी और मदद का भरोसा दिलाया। दरअसल दशहरे एक दिन पूर्व आई तेज बरसात से राजधानी में सड़कों के किनारें रावण के पुतले तैयार करने वाले कारीगरों को भारी नुकसान हुआ था।
ये कारीगर दूर-दराज से आकर महीनों पहले जयपुर में रावण के पुतले तैयार करते हैं। तेज बरसात से तैयार रावण के पुतले बारिश से खराब हो गए। इसी का मुआवजे की मांग को लेकर कारीगर, अपने परिवारजन और बच्चों के साथ सीएम हाउस पहुंचे और मुख्यमंत्री के समक्ष मुआवजे की मांग रखी।
रावण के पुतले तैयार करने वाले कारीगरों ने बताया कि वे दूसरे प्रदेशों से कर्ज लेकर जयपुर आते हैं और इस उम्मीद से रावण के पुतले तैयार करते हैं कि उन्हें बेचकर वे कर्ज भी चुका देंगे और परिवार का गुजारा भत्ता भी चल जाएगा, लेकिन दशहरे से एक दिन पहले आई तेज बरसात से उनकी सारा उम्मीदें भी धुल गई। अब वे ऐसे में अपने घर कैसे जाएं?
तबादलों से असंतुष्ट भी पहुंचे सीएम हाउस
वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से आयोजित जनसुनवाई में मंत्रियों की ओर से किए गए तबादलों से अंसतुष्ट लोग भी सीएम से मिले और अपनी पीड़ा व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने उनकी बात सुनी और अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए। करीब साढ़े तीन घंटे तक चली जनसुनवाई में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधिमंडलों, महिलाओं, बुजुर्गों एवं युवाओं ने गहलोत को अपनी समस्याओं से अवगत कराया।
जनसुनवाई में टोंक जिले की एक 15 वर्षीय बालिका अपने चाचा के साथ मुख्यमंत्री से मिली और बताया कि उसकी मां की मृत्यु हो चुकी है और पिता उसका बाल विवाह कराना चाहते हैं। गहलोत ने निर्देश दिए कि उसका बाल विवाह रोका जाए।
इस पर अधिकारियों ने टोंक जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षक को अवगत कराकर बाल विवाह रोकने के लिए कार्रवाई करने के निर्देश दिए।जनसुनवाई में जोधपुर की एक उभरती युवा बॉक्सर अर्शी खानम ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात की तथा विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जीते पदक उन्हें दिखाए। मुख्यमंत्री ने कम उम्र में ही उनकी उपलब्धियों की सराहना की