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प्रधानमंत्री की वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री गहलोत ने रखी अपनी बात

locationजयपुरPublished: Apr 11, 2020 10:14:36 pm

Submitted by:

Ashish

Prime Minister Narendra Modi video conferencing : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंंसिंग की।

Chief Minister Gehlot kept his point in the PM video conferencing

प्रधानमंत्री की वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री गहलोत ने रखी अपनी बात

जयपुर

Prime Minister Narendra Modi video conferencing : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंंसिंग की। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री के सामने अपनी बात रखते हुए कहा केन्द्र सरकार ने काम के बदले अनाज की तर्ज पर नई योजना लाने, लॉकडाउन पर फैसला राज्यों की परिस्थितियों को देखते हुए लेने, राज्यों को एक लाख करोड़ रुपए का पैकेज जारी करने, उद्योगो को प्रोत्साहन पैकेज देने, कोविड-19 के लिए मिलने वाले सहयोग को सीएसआर गतिविधि मानने के साथ अन्य कई महत्वपूर्ण बात रखीं।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया है कि कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन की वजह से कचरा बीनने वाले, रेहड़ी/रिक्शा चलाने वाले, घुमंतू एवं अन्य असहाय लोगों के जीविकोपार्जन पर खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में केन्द्र सरकार ’काम के बदले अनाज’ योजना की तर्ज पर नई योजना लाए। काम के बदले अनाज योजना 2002 में अकाल-सूखे के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय लाई गई थी। वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक श्री भूपेन्द्र सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा रोहित कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जरूरतमंदों को मिले अनुग्रह राशि
वीसी में मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन के दायरे में नहीं आने वाले जरूरतमंद वर्गों के 31 लाख से अधिक परिवारों को 2500 हजार रुपए की अनुग्रह राशि उपलब्ध कराई है। केन्द्र सरकार भी इस श्रेणी लोगों के लिए अनुग्रह राशि की योजना लाए। 2008 में आई आर्थिक मंदी के समय लिए गए फैसले की तर्ज पर उद्योगों को मिले प्रोत्साहन पैकेज जारी किया जाए। उन्होंने इस महामारी से निपटने के लए राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों और जरूरतमंदों के साथ अन्य वर्गों के लिए लिए गए निर्णयों की जानकारी भी दी।

लॉकडाउन पर भी रखी अपनी बात
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कोरोना जैसी आपदा का सामना करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को पर्याप्त सहयोग मिलना बेहद जरूरी है। गहलोत ने वीसी में लॉकडाउन के संबंध में फैसला राज्यों की परिस्थितियों को देखते हुए उन्हें विश्वास में लेकर सामूहिक तौर पर करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में केन्द्र की ओर से लिए गए फैसले को राज्य सरकार लागू करेगी।

उपज खरीद का हिस्सा बढ़ाया जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम आशा योजना में फसल की कुल पैदावार का 25 प्रतिशत हिस्सा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाता है, जो अपर्याप्त है। इस कठिन समय में किसानों को राहत देते हुए इसे बढाकर 50 प्रतिशत तक किया जाना चाहिए। साथ ही एफसीआई एवं नैफेड की ओर से समर्थन मूल्य पर चरणबद्ध रूप से खरीद शुरू की जानी चाहिए।

उधार लेने की क्षमता बढ़ाई जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के लिए उधार लेने की क्षमता एवं एफआरबीएम एक्ट में उल्लेखित राजकोषीय घाटे की सीमा जीडीपी के 5 प्रतिशत तक बढ़ाने की अनुमति दी जाए। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में वेज एण्ड मीन्स एडवान्स में 30 प्रतिशत की सीमा बढ़ाई है लेकिन विशेष संकट काल को देखते हुए राज्य सरकारों को ब्याज रहित वेज एण्ड मीन्स एडवान्स की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।


6 माह का ब्याज मुक्त मोरेटोरियम मिले
मुख्यमंत्री ने यह मांग रखी कि भारतीय रिजर्व बैंक एवं केन्द्र के अधीन अन्य वित्तीय संस्थानों के बकाया ऋण की आगामी किश्तों के भुगतान का पुनर्निधारण करते हुए ब्याज मुक्त आधार पर 6 माह का मोरेटोरियम उपलब्ध करवाया जाए। इसमें राज्य सरकारों के बोर्ड कॉर्पोरेशन एवं कंपनियां भी शामिल की जाएं।

एक लाख करोड़ का अनुदान मिले
राज्यों को शीघ्र मिले एक लाख करोड़ रूपए की अनुदान राशि जारी की जाए। इस अनुदान राशि की पहली किश्त का भुगतान जनसंख्या के आधार पर एवं तत्पश्चात अन्य किश्तों का भुगतान जीएसटी कांउसिल या इन्टर स्टेट कांउसिल द्वारा निर्धारित फॅार्मूले के आधार पर किया जाना चाहिए। राज्यों को वित्तीय पैकेज के निर्धारण के लिए केन्द्रीय वित्त मंत्रालय और आरबीआई के अधिकारियों से चर्चा के लिए राजस्थान की ओर से शीर्ष अधिकारियों का एक दल चाहने पर भेजा जा सकता है।

निर्यात को बढ़ावा देने के उपाय हों

मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि लॉकडाउन खुलने के बाद वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में रिकवरी होगी, ऐसे में भारत के लिए निर्यात के नए अवसरों की संभावना को देखते हुए अभी से ही निर्यात को बढावा देने के लिए एक्जीम बैंक के माध्यम से ब्याज सब्सिडी एवं अन्य इन्सेंटिव देने पर विचार करना चाहिए। कोविड-19 राहत कोष’ में दी गई सहयोग राशि सीएसआर गतिविधि मानी जाए। पीएम केयर्स फण्ड की तर्ज पर सीएसआर के तहत पात्र गतिविधि मान्य करने के लिए संबंधित मंत्रालय को जरूरी दिशा निर्देश केन्द्र जारी करे।

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