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मुख्यमंत्री के प्रयास से किसानों को राहत, पंजाब से मिलेगा पूरा पानी

locationजयपुरPublished: Aug 27, 2019 09:50:28 pm

Submitted by:

firoz shaifi

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कोशिशें एक बार रंग लाई है। गंग नहर और इंदिरा गांधी नहर में पूरा पानी छोड़े जाने को लेकर मुख्यमंत्री ने पंजाब सरकार से आग्रह किया था। जिसके बाद अब प्रदेश के पश्चिमी जिलों की इन नहरों में पानी की उपलब्धता लगातार बढ़ रही है।

Water Resources Department

Water Resources Department

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कोशिशें एक बार रंग लाई है। गंग नहर और इंदिरा गांधी नहर में पूरा पानी छोड़े जाने को लेकर मुख्यमंत्री ने पंजाब सरकार से आग्रह किया था। जिसके बाद अब प्रदेश के पश्चिमी जिलों की इन नहरों में पानी की उपलब्धता लगातार बढ़ रही है। गहलोत के निर्देश पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने पंजाब सरकार से वार्ता की थी।
दरअसल हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से से हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर सहित जिलों के किसानों ने मुलाकात कर गंग नहर और इंदिरा गांधी नहर में पर्याप्त पानी नहीं आने की शिकायत की थी। इस पर गहलोत ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि वे पंजाब सरकार से बात कर राजस्थान के लिए फिरोजपुर और राजस्थान फीडर में पूरा पानी छोड़ने की व्यवस्था करें।
मुख्यमंत्री कार्यालय में मंगलवार को जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक में शासन सचिव नवीन महाजन ने अवगत करवाया कि मुख्यमंत्री के प्रयास के बाद राजस्थान की नहरों के लिए हरिके बैराज पर बंद किए गए पानी को फिर से खोल दिया गया है। गंग नहर तथा इंदिरा गांधी नहर के लिए बैराज से पानी छोडा़ जा रहा है।

जल परियोजनाओं का काम समय पर पूरा होः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को सीएमओ में जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक लेते अधिकारियों से कहा कि प्रदेश की भौगोलिक स्थिति और पानी की कम उपलब्धता को देखते हुए विभिन्न दीर्घकालीन जल परियोजनाओं का का समय पर पूरा होना जरूरी है। गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन परियोजनाओं के काम को गति देते हुए इन्हें तय टाइमलाइन में पूरा करने का प्रयास करें, जिससे आमजन को पेयजल एवं किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सके।
मुख्यमंत्री ने वर्तमान में चल रही परियोजनाओं और नई परियोजनाओं के प्रस्तावों पर अधिकारियों से चर्चा की और इन्हें प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आमतौर पर बरसात की कमी के कारण प्रदेश में पानी की किल्लत बनी रहती है। ऐसे में दीर्घकालीन जल परियोजनाएं ही इस समस्या का स्थायी समाधान है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी परियोजनाओं के प्रस्ताव प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों की स्थानीय जरुरत के हिसाब से तैयार किए जाए और उनकी क्रियान्विति की सघन मॉनिटरिंग की जानी चाहिए।

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