दोपहर 12 बजे से आयोजित होने वाली समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री आवास पर मुख्य सचिव निरंजन आर्य , डीजीपी एम एल लाठर, गृह विभाग के प्रमुख सचिव अभय कुमार, वरिष्ठ आईएएस अखिल अरोड़ा, पुलिस मुख्यालय के एडीजी भूपेंद्र दक, एडीजी आईबी उमेश मिश्रा, नीना सिंह, एडीजी रवि प्रकाश जैसे अधिकारी शामिल होंगे तो वहीं पुलिस मुख्यालय से तमाम जिलों के एसपी और अलग-अलग रेंज के आईजी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक से जुड़ेंगे।
जानकारों की माने तो प्रदेश में महिला अत्याचार दुष्कर्म और अन्य अपराधों से मुख्यमंत्री बेहद खफा है। माना जा रहा है कि जिलों में बढ़ते अपराध को लेकर मुख्यमंत्री सख्त कदम भी उठा सकते हैं, चर्चा है कि अपराधों पर अंकुश नहीं लगाने वाले अफसरों पर गाज भी गिर सकती हैं। मुख्यमंत्री 6 माह के कामकाज की समीक्षा बैठक के दौरान सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों से उनका रिपोर्ट कार्ड भी लेंगे।
अपराधों पर और सख्ती बरतने की देंगे निर्देश
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बैठक के दौरान प्रदेश में बढ़ रहे अपराधों को रोकने और अपराधों पर तुरंत एक्शन लेने के निर्देश भी अधिकारियों को देंगे। साथ ही अधिकारियों को सख्त लहजे में चेतावनी भी दी जाएगी की लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर सरकार कड़े कदम उठा सकती है।
दुष्कर्म के मामलों से विपक्ष के निशाने पर सरकार
दरअसल प्रदेश में लगातार बढ़ रहे दुष्कर्म और भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर है। दुष्कर्म के मामलों को लेकर सरकार कई बार विधानसभा में भी विपक्ष के निशाने पर आ चुकी है। ऐसे में बढ़ते अपराध और दुष्कर्म के मामलों से सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है।
यही वजह है कि विधानसभा सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित होने के तुरंत एक दिन बाद ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गृह विभाग के कामकाज की समीक्षा बैठक बुलाई है। गृह विभाग का जिम्मा भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास है। ऐसे में माना जा रहा है कि आज बैठक के दौरान मुख्यमंत्री गहलोत के सख्त तेवर देखने को मिल सकते हैं।