आरबीआई को निर्देश दे सरकार
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा कि केन्द्र भारतीय रिजर्व बैंक को निर्देश दें कि वो राज्यों को एक लाख करोड़ रूपए विशेष ब्याज रहित वेज एण्ड मीन्स अग्रिम के तौर पर दें। यह व्यवस्था एक अप्रेल, 2020 से 11 महीनों के लिए की जाए। महामारी से राज्यों की अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। कर एवं गैर कर राजस्व में भारी कमी आई है। ऐसे में राज्यों को मिलने वाली शुद्ध ऋण सीमा में 2 प्रतिशत की अतिरिक्त ऋण सीमा की अनुमति तुरन्त दी जानी चाहिए।
3 माह का मोरेटोरियम उपलब्ध कराया जाए।
राज्यों को अग्रिम उधार उपलब्ध कराए
मुख्यमंत्री ने कहा है कि बॉण्ड मार्केट की वर्तमान स्थिति को देखते हुए राज्य के विकास ऋण केन्द्र सरकार की तुलना में अधिक ब्याज दर पर उपलब्ध हो रहे हैं। ऐसे में इस महामारी से निपटने के लिए होने वाले व्यय को देखते हुए केन्द्र अपने स्तर पर नए ऋण ले और राज्यों को अग्रिम उधार के रूप में उपलब्ध करवाए। हालांकि इसे उन्होंने अंतिम उपाय के रूप में उपयोग में लेने की बात भी कही है।
वंचित वर्ग को नकद राशि एवं राशन
गहलोत ने प्रधानमंत्री को बताया कि है कि लॉकडाउन के कारण लोगों की आजीविका के सामने संकट खड़ा हो गया है। लोगों को भुखमरी से बचाने के लिए राज्य सरकार आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला बनाए रखने के साथ ही कमजोर एवं वंचित वर्ग को नकद राशि, आवश्यक राशि उपलब्ध कराने की दिशा में हरसंभव प्रयास कर रही है।
वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए जाएं
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा कि केन्द्र सरकार के पास वित्त जुटाने के लिए मौद्रिक, राजकोषिय एवं ऋण नीतियों का उपयोग करने की शक्तियां हैं। ये शक्तियां राज्य सरकारों के पास नहीं हैं। ऐसे में कोविड-19 से निरंतर बदलती स्थितियों से निपटने के लिए राज्यों को पर्याप्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए जाने चाहिएं।
विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखा पत्र
गहलोत ने देश के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र का हवाला देते हुए उनसे आग्रह किया है कि को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म की भावना को मजबूत करते हुए इस मुद्दे को भारत सरकार के समक्ष उठाएं ताकि राज्य सरकारें कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए किए जा रहे उपायों को लागू करने एवं संसाधनों का इंतजाम करने में समक्ष हो सकें।