एक मुकदमा भट्टा बस्ती थाने के एसआई और दूसरा मुकदमा चाइल्ड हैल्प लाइन की टीम ने दर्ज कराया है। पुलिस ने बताया कि दोनो कारोबारियों के यहां कई बच्चे काम करते हुए मिले। सूचना पर जब दबिश दी गई तो वहां से कई बच्चों को आजाद कराया गया। बच्चों को जबरन काम कराया जा रहा था। बच्चों ने बताया कि उनके माता—पिता के पास कुछ लोग आए और बच्चों को काम सिखाने एवं पढ़ाई कराने के नाम पर यहां लेकर आए थे।
लेकिन यहां लाने के बाद उनको कैद कर दिया गया। बारह से चौदह घंटे काम कराया जाता रहा और घर के बाहर तक नहीं निकलने दिया गया। पुलिस टीम का कहना था कि जब बच्चों ने फिर से बिहार वापस जाने की बात कही तो बच्चों से मारपीट तक की गई और उसके बाद उनके माता—पिता से फोन तक पर बात कराना बंद कर दिया गया। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से प्रदेश में छोटे बच्चों को लाने का रैकेट चल पडा है। दलाल बकायदा बंगाल और बिहार जाकर छोटे बच्चों के माता—पिता से मिलते हैं। वहां से झूठ बोलकर बच्चों को यहां ले आते हैं और यहां पढ़ाई तो दूर बच्चों को स्कूल की सूरत तक नहीं दिखाते। कुछ दिन पहले ट्रांसपोर्ट नगर थाना पुलिस और गलता गेट थाना पुलिस ने बच्चों से भरी दो बसें पकडी थी। बसों में दलाल और चालक थे। पूछताछ में पता चला कि बच्चों को बेचा जाना था। बालश्रम कराने वाले इनके खरीदार थे।