जयपुरPublished: May 31, 2020 11:40:24 pm
Suresh Yadav
जवाहर कला केंद्र के ऑनलाइन लर्निंग-चिल्ड्रन्स समर फेस्टिवल में विजुअल आट्र्स ऑनलाइन लर्निंग सेशन के तहत आज सुबह कलाकार निखत तसनीम काजी ने ‘एब्सट्रेक्ट पेंटिंग सेशन का संचालन किया।
ias officer angered at officers,बच्चों ने ऑनलाइन सीखे पेंटिंग के गुर
जयपुर। जवाहर कला केंद्र के ऑनलाइन लर्निंग-चिल्ड्रन्स समर फेस्टिवल में विजुअल आट्र्स ऑनलाइन लर्निंग सेशन के तहत आज सुबह कलाकार निखत तसनीम काजी ने ‘एब्सट्रेक्ट पेंटिंग सेशन का संचालन किया। सेशन में ‘एब्सट्रेक्ट पेंटिंग बनाने के लिए उपयोगी मूल तत्वों को समझाया गया। प्रतिभागियों को कलरिंग, लेयरिंग व कंपोजिशन के बारे में भी बताया गया। इससे पूर्व शनिवार को थिएटर कलाकार सरताज माथुर और विशाल भट्ट ने ‘थिएटरÓ पर टॉक सेशन में भाग लिया। इस दौरान माथुर ने थिएटर अभिनेता, फिर एक निर्देशक के रूप में अपनी जीवन यात्रा और कार्यशाला निर्देशक के रूप में अपने अनुभव दर्शकों के साथ साझा किए। इसके साथ ही उन्होंने थिएटर के आवश्यक तत्वों के बारे में भी समझाया।
सरताज माथुर ने बताया कि सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने के लिए अभिनेता दो मुख्य तत्वों का उपयोग करता है। वह है वॉयस और बॉडी। थिएटर में आवाज की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है। जब तक कलाकार की आवाज डायफ्राम से नहीं निकलती, तब तक उसके डायलॉग्स में कोई दम नहीं होता। उन्होंने कहा कि थिएटर कार्यशाला में मुख्य रूप से कलाकारों की वॉयस ट्रेनिंग पर ध्यान दिया जाना चाहिए। डायफ्राम से निकली आवाज को कलाकार को चाहिए कि वह मुंह में मॉड्यूलेट करे। अभिनेताओं को नाटक के विभिन्न पहलुओं का भी ज्ञान होना चाहिए।
कलाकारों की मदद के लिए आगे आए चित्रकार
आर्थिक संकट का दंश झले रहे प्रदेश के कलाकारों के लिए राजस्थान के सत्रह कंटेम्परेरी आर्टिस्ट्स ने पहल की है। चित्रकारों ने धोरा इंटरनेशनल आर्टिस्ट सोसायटी के साथ मिलकर ऑनलाइन आर्ट एग्जीबिशन ‘आर्ट फॉर आर्टिस्टÓ आयोजित किया है। इसके तहत प्रतिदिन एक आर्टिस्ट की कलाकृति को फेसबुक और इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया जा रहा है। धोरा के सचिव मनीष शर्मा ने बताया कि ऑनलाइन एग्जीबिशन में कलाकृतियों को 50 प्रतिशत के डिस्काउंट के साथ डिस्प्ले किया जा रहा है। कलाकृतियों के विक्रय से प्राप्त राशि राजस्थान के योग्य और जरूरतमंद कलाकार जो कि इस कोरोना काल में विपरीज परिस्थियों में जूझ रहे हैं, वे भविष्य में अपना कलाकर्म जारी रख सकें इसके लिए यह सहायता राशि के रूप में दी जाएगी।