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डर के बीच स्कूल पंहुचे बच्चे, उपस्थिति रही कम लेकिन उत्साह आया नजर

locationजयपुरPublished: Jan 18, 2021 07:00:47 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

– पहले ही दिन एपीओ हुए शिक्षक, नोटिस भी मिले9 माह 27 दिन बाद खुले स्कूलप्रशासनिक अधिकारियों ने किया स्कूलों का निरीक्षण

डर के बीच स्कूल पंहुचे बच्चे, उपस्थिति रही कम लेकिन उत्साह आया नजर

डर के बीच स्कूल पंहुचे बच्चे, उपस्थिति रही कम लेकिन उत्साह आया नजर

कोरोना के घटते संक्रमण और वैक्सीनेशन की शुरुआत के बीच एक बार फिर स्कूलों में बच्चों का पहुंचना शुरू हो गया है। कोविड के चलते 9 माह 27 दिन के बाद सोमवार को प्रदेश के शिक्षण संस्थानों की घंटी फिर बजी, स्कूलों में रौनक लौटी और हसते खिलखिलाते बच्चे फिर एक बार नजर आए। हालांकि पहले दिन स्कूलों में बच्चों की संख्या कुछ कम रही लेकिन जो बच्चे स्कूल पहुंचे थे वह बेहद उत्साहित नजर आए। वहीं शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने भी स्कूलों का निरीक्षण किया। व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए शिक्षकों और विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया लेकिन जहां खामियां मिली वहां नोटिस भी थमाए गए।
गाइडलाइन को लेकर सख्त स्कूल
स्कूल प्रशासन भी कोविड गाइडलाइन की पालना को लेकर काफी सख्त नजर आया। स्कूल आने वाले बच्चों से अभिभावकों का लिखित सहमति पत्र लिया गया। इसके साथ ही स्कूलों के मुख्य द्वार पर शिक्षकों की तैनाती कर दी गई थी, स्कूल परिसर में विद्यार्थियों की कतार बनवाई गई थी जिससे भीड़ एकत्र नहीं हो। गांधी नगर स्थित महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल में स्कूल के मुख्य द्वार के पास ही फुट ऑपरेटेड हैंड सेनेटाइजर मशीन लगाई गई थी साथ ही चार शिक्षकों को भी यहां नियुक्त किया गया , जो भी विद्यार्थी स्कूल आ रहे थे पहले उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई और हाथों को सेनेटाइज किया गया। साथ ही विद्यार्थियों से अभिभावकों की ओर से दिए गए सहमति पत्र लिए गए, उसके बाद विद्यार्थियों को कक्षा कक्ष में जाने दिया गया। वहीं पोद्दार स्कूल में भी कोविड गाइडलाइन की पालना करवाने के लिए व्यवस्थाएं की गई थीं। महारानी गल्र्स स्कूल में भी छात्राएं समय पर स्कूल पहुंची और उन्होंने आते ही सबसे पहले स्कूल परिसर में बनी मां सरस्वती की प्रतिमा का नमन किया फिर स्कूल में प्रवेश किया।
बच्चे समय से पहले, टीचर्स बाद में
कुछ स्कूल ऐसे भी थे जहां बच्चे समय से पहले ही आ गए लेकिन उस दौरान शिक्षक नदारद थे। गांधी नगर स्थित शहीद अमित भारद्वाज राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में दो पारियों में कक्षाओं का संचालन होना था। कई बालिकाएं सुबह 9 बजे ही स्कूल आ गई लेकिन स्कूल की संस्था प्रधान और शिक्षक सवा नौ बजे के बाद स्कूल आए। इस संबंध में स्कूल की संस्था प्रधान उर्मिला बारहठ का कहना था कि स्कूलों का समय साढ़े नौ बजे से है ना कि कक्षाओं के संचालन का। 9.30 बजे जब बच्चे स्कूल आएंगे उसके बाद उन्हें कक्षा कक्ष में बिठाने के बाद कक्षाएं संचालित की जाएंगी।
समय को लेकर विरोध में थे शिक्षक
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग की एसओपी जारी होने के बाद से ही शिक्षक स्कूल समय का विरोध कर रहे थे। उनका कहना था कि सरकार की ओर से निर्धारित समय के मुताबिक स्कूलों का समय 10 बजे से 4 बजे तक है लेकिन विभाग ने एसओपी इसे 9.30 बजे से कर दिया है यानी शिक्षकों को आधा घंटा और जल्दी स्कूल आना होगा। शिक्षकों ने समय में बदलाव किए जाने की भी मांग की थी।
खामियां मिलने पर टिकाए नोटिस
शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने भी कई स्कूलों का निरीक्षण किया और खामियां मिलने पर न केवल शिक्षकों को एपीओ कर दिया बल्कि नोटिस भी टिका दिए। जब डोटासरा सीकर जिले के खंडेला ब्लॉक स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बावड़ी पंहुचे तो देखा कि स्कूल के दो शिक्षकों विकास शर्मा और मुकेश कुमार ने कोविड गाइडलाइन की पालना करते हुए मास्क ही नहीं लगा रखे हैं तो उन्होंने दोनों को एपीओ कर दिया। इसी प्रकार स्कूल के पीटीआई और प्रधानाचार्य अध्यापन का कार्य छोड़कर चाय बनाने में लगे हुए थे। शिक्षामंत्री ने उन्हें भी जमकर फटकार लगाई और नोटिस जारी कर दिया। डोटासरा ने बताया कि उन्होंने सीकर में गोकुलपुरा, बावड़ी के साथ हरमाड़ा स्कूल का निरीक्षण किया। उनका कहना था कि बच्चे मास्क लगाकर आए थे। स्कूलों के निरीक्षण के दौरान डोटासरा ने विद्यार्थियों से भी बात की। उन्होंने विद्यार्थियों से कोविड की गाइडलाइन को लेकर सवाल किए। इसके साथ ही स्कूलों में चल रही शैक्षणिक गतिविधियों की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने स्कूलों के विकास में आ रही समस्याओं की जानकारी लेते हुए उन्हें दूर किए जाने का भी आश्वासन दिया।
संभागीय आयुक्त ने ली क्लास
संभागीय आयुक्त डॉ. समित शर्मा ने भी परकोटे के कई स्कूलों का निरीक्षण किया। उन्होंने न केवल विद्यार्थियों और शिक्षकों से बात की बल्कि क्लास भी ली। डॉ. शर्मा ने राजकीय महारानी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय बनीपार्क, राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय गणगौरी बाजार, पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रथखाना का निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि सभी जगह एसओपी की पालना सुचारू रूप से की जा रही थी, जिसमें बच्चों की बैठक व्यवस्था उचित दूरी के साथ की गई थी एवं फेस मास्क भी लगाया जा रहा था। बच्चों की उपस्थिति कम जरूर थी लेकिन जो बच्चे स्कूल पहुंचे वे काफी उत्साहित नजर आए। उन्होंने कई बच्चों को चॉकलेट भी दी। संभागीय आयुक्त ने इन विद्यालयों में पाई गई कुछ कमियों को ठीक करने के बारे में स्कूल प्रबन्धन को निर्देश दिए। उन्होंने कक्षा 1 से आठवीं तक के बच्चों के पोर्टफोलियो पर कार्यमूल्यांकन आवश्यक रूप से किए जाने, कई जगह ब्लैक बोर्ड एवं फर्नीचर पर रंग.रोगन करवाने, स्कूलों में साफ.सफाई एवं फर्नीचर की मरम्मत के भी निर्देश दिए। डॉ.शर्मा ने अध्यापकों को अपने परिचय पत्र आवश्यक रूप से पहनने एवं कुछ बच्चों के स्कूल यूनिफॉर्म में नहीं आने पर प्राचार्यों को बच्चों का यूनिफॉर्म पहनना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
विद्यार्थी भी नजर आए सजग
स्कूली विद्यार्थी भी कोविड को लेकर काफी सजग नजर आए। विद्यार्थियों का कहना था कि स्कूल प्रशासन के साथ साथ पैरेंट्स ने भी उन्हें कोविड के बारे में बताया है। ऐसे में उन्हें पता है कि स्कूल में ना तो भीड़ एकत्र करनी है और ना ही अपनी कॉपी किताब, पानी की बोतल या लंचबॉक्स एक्सचेंज करना है।
इन बातों का रखा गया ध्यान
विद्यार्थियों से लिया गया अभिभावकों का लिखित सहमति पत्र
सामाजिक दूरी की पालना करवाने के लिए नियुक्त किए शिक्षक
मास्क पहना या नहीं,की गई चैकिंग
स्कूलों में की गई हर विद्यार्थी की थर्मल स्क्रीनिंग
स्कूलों ने की हैंड सेनेटाइजर,मास्क और साबुन की भी व्यवस्था
बिना मास्क आने वाले विद्यार्थी को दिए गए मास्क
क्लासरूम में शिक्षकों ने दी कोविड गाइडलाइन की जानकारी
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