युवा बन रहे एटीएम मशीन आज की युवा पीढ़ी जिस हिसाब से पैसे के पीछे दौड़ रही है उसके लिए उन्हे एटीएम की संज्ञा दे देनी चाहिए। परमालय ने अभिभावकों को जोर देते हुए कहा कि वे आज बच्चों को अच्छे संस्कार की जगह पैसे कमाने वाला ज्ञान दे रहे हैं, जो उनके भविष्य के लिए घातक होता जा रहा है। युवा भी जुकरबर्ग, वारेन बफेट, अंबानी जैसे बनना चाहते हैं लेकिन जिस दौर से वे गुजरे हैं उन्हें नहीं फॉलो करना चाहते। जल्दी अमीर बनना चाहते हैं। न बच्चों के पास पेरेंट्स के लिए समय है और न पेरेंट्स के पास बच्चों के लिए।
अपार शक्ति है हमारे पास, बस पहचानने की जरूरत परमालय ने कहा कि मनुष्य अपने शरीर को रोज सम्मान दें, शरीर के साथ अपमान नहीं करे, हिंसा नहीं करे, दुराचार नहीं करे। टीवी, वाट्सएप, फेसबुक पर आंखों को खराब नहीं करें। उन्होंने कहा कि हमारा शरीर रोज एक एक बंूद शक्ति अर्जित करता है, इसे बेकार बातों में जाया नहीं करें। संबंध-बंधन के बारे में तर्क देकर उन्होंने बताया कि बंधन हमेशा दूसरों की नकल से बनते हैं वहीं संबंध हमेशा आंतरिक समझ से बनते हैं। संबंधों को नकल करके नहीं बनाया जा सकता।
सोमवार को होंगे ये कार्यक्रम राजेश नागपाल ने बताया कि शिविर के अंतिम दिन सोमवार को सुबह साढे 6 बजे से राजस्थान कॉलेज के मुख्य गेट से चेतना यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें करीब काफी संख्या में महिला-पुरुष शामिल होंगे। यात्रा गांधी सर्किल होते हुए पुन: कॉलेज पहुंचेगी। यात्रा की खास बात ये है कि इसमें महिला-पुरुष कतार में हाथ जोडक़र 2—2 की संंख्या में चलेंगे, जो कि अपने आप में विहंगम होगा। वहीं शाम को शिविर का समापन होगा।