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महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने में नाकाम रहा चीन

locationजयपुरPublished: Jul 05, 2022 11:37:55 am

Submitted by:

Amit Purohit

चीन में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार, सत्ता में भागीदारी भी कम

महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने में नाकाम रहा चीन

महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने में नाकाम रहा चीन

नई दिल्ली. अफगानिस्तान के तालिबानी शासन में महिलाओं के मानवाधिकार कुचले जाने की बात अक्सर होती है लेकिन सार्वजनिक जीवन और शासन में महिलाओं को कमतर आंकने में चीन भी कम नहीं। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) की स्थापना के 100 साल पूरे होने का जश्न के बीच कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनसे चीन में महिलाओं की स्थिति और उनके साथ किए जाने वाले व्यवहार का खुलासा होता है। खुद पुरुष प्रधान सीसीपी में महिलाओं की भागीदारी नाममात्र की है, वहीं समाज में भी महिलाएं हाशिए पर हैं। पिछले महीने चीनी शहर तांगशान में एक रेस्तरां के बाहर महिलाओं के एक समूह के साथ पुरुषों की अचानक मारपीट ने देश में महिलाओं की दयनीय स्थिति को फिर से उजागर किया है। वहीं, इस साल जनवरी में 8 बच्चों की एक मां की तस्वीर सामने आई थी, जो घर के बाहरी शेड में गर्दन में जंजीर से बांध कर रखी गई थी। महिला की कहानी वायरल होने के बाद स्थानीय सरकार ने विरोधाभासी बयान जारी किए, गांव को तुरंत सील कर दिया, सोशल मीडिया पर टिप्पणियों को चुप करा दिया और सच्चाई का पीछा करने की कोशिश करने वाले नेटिजन्स को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, अभी तक इस बात की जानकारी नहीं हो पाई है कि जंजीर से बंधी महिला अब आजाद भी है या नहीं।
पार्टी के सदस्यों में सिर्फ 30 फीसदी महिलाएं

पिछले साल चीनी राजनीति में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की वर्तमान स्थिति के एक सर्वेक्षण के अनुसार सीसीपी के लगभग 9.2 करोड़ सदस्यों में से 2.8 करोड़ से भी कम महिलाएं हैं। यानी महिलाओं की भागीदारी 30 फीसदी से भी कम है। चीन की शीर्ष विधायिका 13वीं नेशनल पीपुल्स कांग्रेस और देश के ‘शीर्ष राजनीतिक सलाहकार निकाय’ चीनी पीपुल्स पॉलिटिकल कंसल्टेटिव कॉन्फ्रेंस (सीपीपीसीसी) के सभी प्रतिनिधियों में, केवल 20 फीसदी महिलाएं हैं।
शीर्ष राजनीतिक निकाय में एक भी महिला नहीं

वर्ष 1949 में पार्टी के सत्ता में आने के बाद से चीन के सात सदस्यीय शीर्ष राजनीतिक निकाय पोलित ब्यूरो स्थायी समिति में एक भी महिला को नियुक्त नहीं किया गया है। 71 वर्षीय उप-प्रधानमंत्री सुन चुनलन 25 सदस्यीय पोलित ब्यूरो की एकमात्र महिला हैं, जो स्थायी समिति को रिपोर्ट करती है।
स्थानीय सरकारों में भी लैंगिक अंतराल की खाई

जर्मनी में मर्केटर इंस्टीट्यूट फॉर चाइना स्टडीज के एक विश्लेषक वालेरी टैन के अनुसार जहां प्रांतीय, नगरपालिका और काउंटी स्तर के नेतृत्व के 10 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित है, पर शायद ही कभी यह कोटा पूरा होता है। सरकार या पार्टी सचिव के प्रमुख के रूप में काउंटी स्तर के पदों पर महिलाएं 9.33 फीसदी हैं, वहीं शहरों में यह 5.29 फीसदी और प्रांतीय स्तर पर 3.23 फीसदी तक सिमटी हुई हैं।
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