भारत-तिब्बत सहयोग मंच की दो दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन बैठक शनिवार से जयपुर में शुरु होगी। इसमें तिब्बत और कैलाश मानसरोवर को चीन से मुक्त कराने के लिए जनजागरण चलाने के साथ ही इसे जनांदोलन बनाने की रणनीति तय की जाएगी। बैठक मेंं चीन की आर्थिक रूप से कमर तोड़ने के लिए चीन वस्तुओं के बहिष्कार के आंदोलन को और तेज करने की रूपरेखा भी बनाई जाएगी। बैठक के दूसरे दिन 26 जनवरी को नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार के नेतृत्व में पैदल मार्च निकाला जाएगा।
भारत तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय महामंत्री पंकज गोयल ने बताया कि मंच की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में तिब्बत सरकार की पूर्व गृहमंत्री गेयरी डोलमा, भारत—तिब्बत समन्वय केन्द्र के समन्वयक ट्रिस्लुम जीग्मे, अरूणाचल के पूर्व सांसद एवं तिब्बत समर्थक समूहोें के समन्वयक आर के खिरमे, मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरजीत सिंह ग्रेवाल, केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ कुलदीप चंद्र अग्निहोत्री, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया सहित मंच के 41 प्रांतों के पदाधिकारी शामिल होंगे।
गोयल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि चिंतन बैठक के पहले दिन संगठन विस्तार और तिब्बत तथा कैलाश मानसरोवर की चीन से मुक्ति के कार्यक्रमों पर चर्चा के बाद इस अभियान को आंदोलन के रूप में पूरे देश तथा विदेशों में चलाने की रणनीति पर मंथन किया जाएगा। बैठक के दूसरे दिन यानि 26 जनवरी को बैठक स्थल पर झंडारोहण किया जाएगा इसके बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार के नेतृत्व में पैदल मार्च निकाला जाएगा।
उन्होंने कहा कि तिब्बत व कैलाश मानसरोवर की मुक्ति के लिए चीन की आर्थिक कमर तोड़ने का काम मंच कर रहा है। चीनी वस्तुओं के बहिष्कार को लेकर जनजागरण किया जा रहा है। इस जनजागरण के जरिए इसे जनांदोलन के रूप में परिवर्तित किया जाएगा। अभी तक केवल त्यौहारों पर चीनी वस्तुओं के बहिष्कार की बात होती थी, अब दैनिक जीवन में भी चीनी वस्तुओं के उपयोग नहीं करने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा। मंच का काम देश के 41 प्रांतों में चल रहा है, जिला स्तर पर इसकी इकाइयां गठित की जा चुकी है।
गोयल के अनुसार 26 जनवरी को तिब्बत समस्या एवं समाधान में भारत की भूमिका विषयक सेमिनार आयोजित की जाएगी जिसमें भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया मुख्य अतिथि होंगे, वहीं वैदिक विश्वविद्यालय निम्बाहेड़ के कुलपति प्रोफेसर अशोक कुमार विशिष्ट अतिथि बतौर शामिल होंगे।