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चीन ने भेजीं 3 गुना सैन्य नावें, गश्त बढ़ाईं

locationजयपुरPublished: May 20, 2020 10:29:01 pm

Submitted by:

anoop singh

चीन लद्दाख की झील में भारतीय निर्माण पर जता रहा है आपत्ति

चीन ने भेजीं 3 गुना सैन्य नावें, गश्त बढ़ाईं

चीन ने भेजीं 3 गुना सैन्य नावें, गश्त बढ़ाईं


लद्दाख . पूर्वी लद्दाख की झील पैंगोंग के पास भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प के करीब दो हफ्ते बाद चीनी सैनिकों ने अचानक वहां गश्त तेज कर दी है।
झील में पहले से ज्यादा तीन गुनी नावें तैनात कर दी हैं। इतना ही नहीं चीनी सैनिक वहां निर्माणाधीन भारतीय सड़क पर भी आपत्ति जता रहे हैं और एक तय बिंदु से आगे बढ़कर गश्त कर रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर उपजा तनाव स्थिति को और खराब कर सकता है। भारतीय सेना के पास भी निगरानी के लिए इतनी ही संख्या में नावें हैं। झील का 45 किलोमीटर लंबे पश्चिमी हिस्सा भारत के नियंत्रण में है।
एलएसी पर दोनों देश की अलग धारणा
पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर स्थित पहाडिय़ां ही दोनों देशों के बीच मुख्य विवाद की जड़ है। सेना इसे फिंगर्स कहती है। भारतीय सेना का दावा है कि फिंगर्स-8 के साथ ही वास्तविक नियंत्रण रेखा गुजरती है जबकि चीन का दावा है कि एलएसी फिंगर 2 से गुजरती है। दो अलग-अलग धारणाओं के कारण दोनों सेनाएं नियमित गश्त करती हैं और कभी-कभी एक-दूसरे पर हावी होने की कोशिश करती हैं।
5-6 मई को हुई थी सैनिकों में झड़प
झील के उत्तरी किनारे पर गश्ती को लेकर कुछ दिनों पहले दोनों सेना के बीच टकराव उत्पन्न हो गया था। सूत्रों के अनुसार तब चीन के सैनिकों ने भारतीय सैनिकों को फिंगर-2 पर रुकने को कहा था। वैसे फिंगर-4 तक भारतीय सैनिक सामान्य रूप से गश्त करते रहे हैं, जब भारत ने चीन के दखल का विरोध किया तब फिंगर-5 के करीब दोनों सेना के बीच 5-6 मई की रात झड़प हो गई थी।
1962 में हो चुका है टकराव
गलवान के पास के इलाके दोनों पक्षों के बीच छह दशक से अधिक समय से संघर्ष का कारण बने हुए हैं। 1962 में भी इस इलाके को लेकर टकराव हुआ था। इस बार भी स्थिति कई दिनों से तनावपूर्ण है।
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