जब फेरी वालों से माल लाने के बारे में पूछा तो उन्होंने स्वीकार किया कि ये झंडे चीन में बने हैं और दिल्ली व मुम्बई से यहां लाकर बेचे जा रहे हैं। जानकारों का कहना है, चीन में निॢमत सिंथेटिक कपड़े के झंडों का भी बाजार में बोलबाला है। चीन के डेढ़ मीटर झंडे की कीमत 50 रुपए है, जबकि भारत में बने झंडे 70 रुपए में डेढ़ मीटर आते हैं। झंडे के स्टीकर भी दिल्ली से जयपुर के बाजार में आ रहे हैं। चाइनीज स्टीकर का पैकेट 50 रुपए में मिल रहा है जबकि भारत में बने की कीमत 80 रुपए है। उदयसिंह की हवेली स्थित दुकानदाालर विष्णु अग्रवाल का कहना है कि चाइना के आइटम भारतीय उत्पादों की तुलना में सस्ते होते, इसलिए बाजार में ये ही ज्यादा चल रहे हैं।
चीनी झंडे और स्टीकर अवैध तरीके से ला रहे हैं। कुछ कारोबारियों ने बताया है कि स्वतंत्रता दिवस के लिए चीन से आने वाले सामानों का पक्का बिल किसी के पास नहीं है। मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में एडवांस में इसकी खरीदी हो चुकी है।
जीएसटी कमिश्नर अरुण कुमार का कहना है कि बीस लाख या इससे अधिक का ट्रांजेक्शन होने पर ही कार्रवाई कर सकते हैं। वहीं प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सदस्य सचिव केसीए अरुण प्रसाद ने बताया कि प्लास्टिक के सिर्फ कैरी बैग ही प्रतिबंधित है। प्लास्टिक के झंडे वालों पर कार्रवाई नहीं होती है। नगर निगम आयुक्त (अतिरिक्त प्रभार) सुरेश कुमार ओला का कहना है कि सम्पत्ति विरुपण और प्लास्टिक के केस में निगम कार्रवाई करता है। यदि निगम का कार्यक्षेत्र होगा तो कार्रवाई करेंगे।