scriptपिता की विरासत संभालने उतरे चिराग | Chirag came down to handle his father's legacy | Patrika News

पिता की विरासत संभालने उतरे चिराग

locationजयपुरPublished: Mar 06, 2020 01:04:05 pm

Submitted by:

Sharad Sharma

बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट यात्रा का आगाजयात्रा से लोजपा को किंगमेकर बनाने की कवायदएलजेपी के दो विधायक और छह लोकसभा सांसद

बिहार विधानसभा चुनाव की सियासी बिसात अब बिछाई जाने लगी है। अपने पिता लालू प्रसाद यादव की राजनीतिक विरासत संभालने उतरे तेजस्वी यादव के बाद अब लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान अपने पिता रामविलास पासवान की राजनीतिक विरासत संभालने के लिए मैदान में उतरे हैं। चिराग इन दिनों बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट यात्रा के जरिए माहौल बनाने में जुटे हैं।
गौरतलब है कि बिहार की कुल 243 सदस्यीय विधानसभा सीटों में से एलजेपी के पास महज 2 विधायक हैं। एलजेपी 2015 के चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ मैदान में उतरी थी, लेकिन नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के गठबंधन के आगे पूरी तरह पस्त नजर आई थी। हालांकि इस बार भाजपा-जदयू-लोजपा एक साथ खड़े नजर आ रहे हैं और गठबंधन का चेहरा नीतीश कुमार हैं।
एलजेपी ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है और पार्टी में जान फूंकने के लिए चिराग पासवान मैदान में उतर चुके हैं। वो बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट यात्रा के जरिए पार्टी के जनाधार को मजूबत करने में लगे हैं। इसके तहत वो अलग-अलग जिलों में जाकर लोगों से संवाद कर रहे हैं और सियासी नब्ज को समझने की कोशिश कर रहे हैं। चिराग पासवान का कहना है कि गठबंधन के तहत उसे जो भी सीटें दी जाएंगी, वहां से वह अपने उम्मीदवार उतारेगी। एलजेपी आगामी बिहार के विधानसभा चुनाव में कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है? इस सवाल पर चिराग ने कहा कि इस संबंध में अभी कुछ बताना ठीक नहीं होगा। हालांकि माना जा एलजेपी करीब तीन दर्जन से ज्यादा विधानसभा सीटों को चिन्हित कर तैयारी शुरू कर दी है। चिराग पासवान प्रदेश में ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ यात्रा कर रहे हैं, जिसका समापन 14 अप्रैल को पटना के गांधी मैदान में होगा।
गौरतलब है कि लोकसभा में एलजेपी के छह सांसद हैं और रामविलास पासवान भाजपा कोटे से राज्यसभा सदस्य हैं। पासवान जाति की बात करें तो बिहार में तकरीबन पांच फीसदी के करीब वोट बैंक वाली इस जाति के सर्वमान्य नेता रामविलास पासवान ही हैं जिनकी विरासत चिराग पासवान के हाथों में है। पिछले संपन्न चुनावों में तकरीबन सत्तर से पचहत्तर फीसदी से ज्यादा दुसाधों का वोट रामविलास के नेतृत्व वाली पार्टी एलजेपी को ही मिला है। इस तरह से एलजेपी के राजनीतिक रसूख को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, ऐसे में देखना होगा कि चिराग पासवान पार्टी को सियासत के क्षितिज पर किंगमेकर की भूमिका में ला पाते हैं या नहीं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो