scriptबजट ना होने के नाम पर बंद ‘चिराली’ योजना | 'Chirali' scheme closed in the name of no budget | Patrika News

बजट ना होने के नाम पर बंद ‘चिराली’ योजना

locationजयपुरPublished: Oct 19, 2020 08:31:22 pm

Submitted by:

Tasneem Khan

— महिलाओं और बच्चियों के प्रति हिंसा से समझौता— योजना के तहत हिंसा रोकने के करने थे उपाय — राजस्थान के 7 जिलों में चलाई जानी थी योजना

 'Chirali' scheme closed in the name of no budget

‘Chirali’ scheme closed in the name of no budget

Jaipur बजट का अभाव बताकर महिलाओं और बच्चियों के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं को बंद किया जा रहा है। ऐसी ही एक योजना है ‘चिराली’ योजना। जो समुदाय आधारित समूह बनाकर महिलाओं और बच्चियों की किसी भी तरह की हिंसा से सुरक्षा देने के लिए थी। 26 सितम्बर 2017
को इस योजना की शुरुआत की गई थी। फिलहाल इसके लिए बजट नहीं होने की बात राज्य के महिला अधिकारिता विभाग की ओर से बताई जा रही है। इस कारण से यह योजना सालों से बंद है। यह प्रारंभिक तौर पर राज्य के उन इलाकों में शुरू की जानी थी, जहां पर कई समुदाय के लोग अलग समूहों में रहते हैं। और जहां पर महिला व बालिका हिंसा के मामले बिना दर्ज ही रह जाते हैं। इन सेंसेटिव इलाकों में चलाई जाने वाली इस योजना को बंद करना, सरकार के बच्चियों के सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को साफ दिखा रहा है।
इन 7 जिलों में शुरू की जानी थी
यह समुदाय आधारित समूह योजना बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, बूंदी, झालावाड़, जालौर, नागौर और प्रतापगढ़ में चलाई जानी थी। यहां पर सामुदायिक कार्यदलों का गठन कर तीन साल के लिए योजना का क्रियान्वयन करना था। फिर अगले तीन सालों के लिए नए कार्यदल बनाए जाते। वहीं इस योजना के क्रियान्वयन में संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष का सहयोग भी लिया जाना था।
यह होना था काम
इस योजना का उद्देश्य बच्चियों और महिलाओं के साथ होने वाली किसी भी तरह की हिंसा, लैंगिक भेदभाव को लेकर समुदाय विशेष को संवेदनशील बनाना है। वहीं महिलाओं को संबंधित कानूनों की जानकारी देना, महिलाओं को अपने प्रति होने वाली हिंसा पर बोलने के लिए मंच देना, सुरक्षा के लिए आॅडिट करना, अन्य महिलाओं से जुड़ी योजनाओं को उन तक पहुंचाने का काम इस योजना के तहत किया जाना था। ताकि समुदायों में बच्चियों का महत्व बढ़े, उन्हें बराबरी दी जाए, सुरक्षित वातावरण मिले।
ग्राम पंचायतों के अधीन होने थे कार्यदल
चिराली योजना के तहत सामुदायिक कार्यदल का गठन ग्राम पंचायत मुख्यालय और अधीन राज्स्व गांवों में किया जाना था। ग्राम पंचायम मुख्यालय पर बनने वाले मुख्य समूह में साथिन, आंगनबाड़ी कार्यकता, आशा सहयोगिनी, महिला जनप्रतिनिधि, बच्चियां, अध्यापक, स्थानीय नागरिक सहित 25 सदस्य होते।
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