गांववासियों की इस पहल के बाद अब धीरे-धीरे गांव की तस्वीर बदलने लगी है। सरपंच सोनिया देवी (52) ने बताया कि ग्राम सभा के दौरान क्षेत्र में कौशल विकास, पोषण स्तर बढ़ाने और पेयजल सहित अन्य विकास कार्यों की योजना बनाई गई, जिसे अमलीजामा पहनाया जा रहा है। सरपंच बनने के बाद सोनिया देवी ने घूंघट प्रथा को त्याग दिया। उन्होंने कहा कि पंचायत की बैठकों में सरपंच पति के बजाय वह खुद ही फैसले लेती हैं।
सोनिया ने बताया कि पति गोपाल मीणा लखनऊ स्थित मानवाधिकार आयोग में डीजीपी के पद पर कार्यरत हैं। पति के साथ ही वह भी हमेशा से गांव की जड़ों से जुड़ी रही हैं। उधर, जीतने के बाद से ही सोनिया गांव वालों से और ज्यादा जुड़ गई हैं।
बेरोजगारों के लिए कौशल विकास
सोनिया देवी ने बताया कि पढ़े-लिखे होने के बावजूद युवाओं को रोजगार नहीं मिल पाता। ऐसे बेरोजगार युवाओं के लिए एक निजी कम्पनी गांव में कौशल विकास कार्यक्रम चला रही है। इसमें उन्हें कम्प्यूटर हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर का प्रशिक्षण दिया जाता है।
सोनिया देवी ने बताया कि पढ़े-लिखे होने के बावजूद युवाओं को रोजगार नहीं मिल पाता। ऐसे बेरोजगार युवाओं के लिए एक निजी कम्पनी गांव में कौशल विकास कार्यक्रम चला रही है। इसमें उन्हें कम्प्यूटर हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर का प्रशिक्षण दिया जाता है।
बालिका शिक्षा को समर्पित किया मानदेय
सरपंच पद की शपथ लेने के दौरान सोनिया मीणा ने उन्हें मिलने वाले मानदेय को गांव की बालिकाओं की शिक्षा को समर्पित करने का प्रण लिया था। सोनिया मीणा के अनुसार गांव में बालिका स्कूल नहीं है। इसके लिए जिला अधिकारी मुलाकात कर अतिशीघ्र स्कूल खोलने की मांग की, जो कि मान ली गई।
सरपंच पद की शपथ लेने के दौरान सोनिया मीणा ने उन्हें मिलने वाले मानदेय को गांव की बालिकाओं की शिक्षा को समर्पित करने का प्रण लिया था। सोनिया मीणा के अनुसार गांव में बालिका स्कूल नहीं है। इसके लिए जिला अधिकारी मुलाकात कर अतिशीघ्र स्कूल खोलने की मांग की, जो कि मान ली गई।
गांव में आई सोलर लाइट
सोनिया को सरपंच बने अभी केवल एक माह ही हुआ है, लेकिन अभी से गांव तरक्की के पथ पर अग्रसर है। पहले जहां अंधेरा रहता था, अब वह इलाका सोलर लाइटों से जगमगा रहा है। गांव साफ-सुथरा रहे, इसके लिए नालियों व सडक़ों को पक्का किया जा रहा है।
सोनिया को सरपंच बने अभी केवल एक माह ही हुआ है, लेकिन अभी से गांव तरक्की के पथ पर अग्रसर है। पहले जहां अंधेरा रहता था, अब वह इलाका सोलर लाइटों से जगमगा रहा है। गांव साफ-सुथरा रहे, इसके लिए नालियों व सडक़ों को पक्का किया जा रहा है।