देश में प्लास्टिक के कचरे को लेकर बढ़ती ङ्क्षचता को दूर करने के लिए उपभोक्ता उत्पाद क्षेत्र की 31 प्रमुख कंपनियां ने मिलकर एशिया का सबसे बड़ा अपने तरह का अनूठा वेंचर लॉन्च करने की घोषणा की है। इसमें एक हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। निर्माताओं के नेतृत्व और उनके स्वामित्व वाला यह वेंचर देश में सामान्य प्लास्टिक सर्कुलर इकोनॉमी तैयार करने के लिए किया जा रहा है।
पेप्सिको इंडिया के अध्यक्ष अहमद अलशेख, कोका कोला इंडिया एवं साउथ वेस्ट एशिया के अध्यक्ष टी कृष्णकुमार और बिस्लरी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एंजेलो जॉर्ज ने उपभोक्ता उत्पाद बनाने वाली प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में ‘करो संभव, क्लोजिंग मटेरियल लूप्स’ वेंचर को लॉन्च किया। उन्होंने ग्राहकों के इस्तेमाल के बाद पैकेजिंग के कलेक्शन के लिए नेटवर्क बनाने तथा पर्याप्त रूप से मटेरियल की रीसाइकिल प्रक्रिया के लिए यह वेंचर बनाया है।
कई कंपनियां भागीदार
इस वेंचर से जुडऩे वाली अन्य कंपनियों में डिएगो, पार्ले एग्रो, कैविन केयर, मंजूश्री, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एससी जॉनसन, आईवीएल-धनसेरी, वरुण बेवरेजेस लिमिटेड तथा हिंदुस्तान कोका-कोला बेवरेजेस प्राइवेट लिमिटेड और डाबर इंडिया शामिल है। एक्शन एलाएंस फॉर रीसाइकिल बेवरेज कार्टन्स भी इस वेंचर को सहयोग कर रहा है।
बदलेगा तंत्र
इस वेंचर को ‘पैकेजिंग एसोसिएशन फॉर क्लीन एन्वॉयरमेंट (पेस) ने पिछले एक सालों में तैयार किया है। उनका लक्ष्य एक परिवर्तनकारी प्रणाली तैयार करना है, जिससे कि समावेशन, नीति, पारदर्शिता, बेहतर प्रशासन और कचरे का पता लगाने में सक्षम हो पाए।
तैयार होगा नेटवर्क
इस वेंचर की योजना पूरे देश में 125 मटेरियल रिकवरी फेसिलटी का नेटवर्क तैयार करना है जो अगले 3 सालों में 2500 एग्रीगेटर्स के साथ मिलकर काम करेंगे। अलग-अलग चरणों में इस परियोजना को और गति दी जाएगी।
पेप्सिको इंडिया के अध्यक्ष अहमद अलशेख, कोका कोला इंडिया एवं साउथ वेस्ट एशिया के अध्यक्ष टी कृष्णकुमार और बिस्लरी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एंजेलो जॉर्ज ने उपभोक्ता उत्पाद बनाने वाली प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में ‘करो संभव, क्लोजिंग मटेरियल लूप्स’ वेंचर को लॉन्च किया। उन्होंने ग्राहकों के इस्तेमाल के बाद पैकेजिंग के कलेक्शन के लिए नेटवर्क बनाने तथा पर्याप्त रूप से मटेरियल की रीसाइकिल प्रक्रिया के लिए यह वेंचर बनाया है।
कई कंपनियां भागीदार
इस वेंचर से जुडऩे वाली अन्य कंपनियों में डिएगो, पार्ले एग्रो, कैविन केयर, मंजूश्री, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एससी जॉनसन, आईवीएल-धनसेरी, वरुण बेवरेजेस लिमिटेड तथा हिंदुस्तान कोका-कोला बेवरेजेस प्राइवेट लिमिटेड और डाबर इंडिया शामिल है। एक्शन एलाएंस फॉर रीसाइकिल बेवरेज कार्टन्स भी इस वेंचर को सहयोग कर रहा है।
बदलेगा तंत्र
इस वेंचर को ‘पैकेजिंग एसोसिएशन फॉर क्लीन एन्वॉयरमेंट (पेस) ने पिछले एक सालों में तैयार किया है। उनका लक्ष्य एक परिवर्तनकारी प्रणाली तैयार करना है, जिससे कि समावेशन, नीति, पारदर्शिता, बेहतर प्रशासन और कचरे का पता लगाने में सक्षम हो पाए।
तैयार होगा नेटवर्क
इस वेंचर की योजना पूरे देश में 125 मटेरियल रिकवरी फेसिलटी का नेटवर्क तैयार करना है जो अगले 3 सालों में 2500 एग्रीगेटर्स के साथ मिलकर काम करेंगे। अलग-अलग चरणों में इस परियोजना को और गति दी जाएगी।