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जयपुर

सड़कों के लिए जयपुर नहीं बल्कि सीएम और यूडीएच मंत्री के शहरों को मिली ज्यादा रोकड़

स्वायत्त शासन विभाग ने 213 निकायों के लिए निर्धारित की आवंटित राशि

जयपुरSep 13, 2021 / 11:55 pm

Bhavnesh Gupta

सड़कों के लिए जयपुर नहीं बल्कि सीएम और यूडीएच मंत्री के शहरों को मिली ज्यादा रोकड़

सड़कों के लिए जयपुर नहीं बल्कि सीएम और यूडीएच मंत्री के शहरों को मिली ज्यादा रोकड़

भवनेश गुप्ता
जयपुर। स्वायत्त शासन विभाग ने प्रदेश के सभी 213 शहरी निकायों में सार्वजनिक निर्माण विभाग के जरिए सड़क निर्माण और सुदृढ़ीकरण के लिए राशि निर्धारित कर दी है। इसमें एक हजार करोड़ से ज्यादा राशि खर्च होगी। मुख्यमंत्री के गृह जिले जोधपुर (शहर) में सबसे ज्यादा राशि 49.46 करोड़ रुपए आवंटित होगी और इसके बाद यूडीएच मंत्री के कोटा शहर का नम्बर लिया गया है। यहां 45.79 करोड़ रुपए खर्च होंगे। जबकि, राजधानी जयपुर के दोनों निगमों के लिए 28.35 करोड़ रुपए निर्धारित कर तीसरे पायदान पर रखा गया है। विभाग ने इस संबंध में सार्वजनिक निर्माण विभाग को पत्र लिखकर प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी करने लेकर अन्य जरूरी प्रक्रिया अपनाने के लिए कहा है। विभाग से स्वीकृति मिलने के बाद विभाग ने हुडको से ऋण लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

-नगर परिषद में होगा आवंटन— 200.20 करोड़ रुपए

-नगर पालिका में होगा आवंटन— 610.48करोड़ रुपए

-नगर निगमों आवंटित की जाने वाली राशि— 194.43 करोड़ रुपए

1. जयपुर शहर
नगर निगम ग्रेटर— 12.41 करोड़
नगर निगम हैरिटेज— 15.93 करोड़
2. कोटा शहर
नगर निगम उत्तर— 18.80 करोड़
नगर निगम दक्षिण— 26.99 करोड़
3. जोधपुर शहर
नगर निगम उत्तर— 27.40 करोड़
नगर निगम दक्षिण— 22.05 करोड़
4. अजमेर नगर निगम— 21.83 करोड़
5. बीकानेर नगर निगम— 11.20 करोड़
6. भरतपुर नगर निगम— 23.80 करोड़
7. उदयपुर नगर निगम— 13.99 करोड़
(अधिकारियों का तर्क हे कि जयपुर में ज्यादातर क्षेत्र जेडीए के क्षेत्राधिकार में है, जिसकी वजह से उसी अनुपात में पैसा जारी किया गया है)

कमेटी ने किया निर्धारण
सरकार ने राशि निर्धारण के लिए कमेटी का गठन था। इसमें डीएलबी के उप निदेशक क्षेत्रीय को संयोजक, पीडब्ल्यूडी के एसीएस जोनल और संबंधित नगर निगम संभागीय अधीक्षण अभियंता को सदस्य बनाया गया।
किस निकाय में कितने किलोमीटर होगा काम
-नगर निगम— 30 किलोमीटर
-नगर परिषद— 20 किलोमीटर
-नगरपालिका— 10 किलोमीटर

अब यह होगी आगे की प्रक्रिया
-प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी करना
-कार्यों की तकनीकी स्वीकृति प्रक्रिया
-निविदा प्रक्रिया अपनाना
-निर्माण सामग्री की सैम्पल जांच
-कार्य का आईआईटी या एमएनआईटी के विशेषज्ञों से निरीक्षण
-मॉनिटरिंग प्रकोष्ठ का गठन
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