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… तो अब Rajasthan में भी पारित होगा CAA के खिलाफ संकल्प, तैयारी पूरी!

locationजयपुरPublished: Jan 19, 2020 09:29:04 am

Submitted by:

Nakul Devarshi

Citizen Amendment Act CAA in Rajasthan : … तो अब Rajasthan में भी पारित होगा CAA के खिलाफ संकल्प, तैयारी पूरी! इसके लिए सरकार ( Gehlot Government ) ने तैयारी कर ली है।

Citizen Amendment Act CAA in Rajasthan, Assembly Session
जयपुर।

राजस्थान विधानसभा का सत्र ( Rajasthan Assembly Session ) 24 जनवरी को आयोजित किया जाएगा। इसके लिए सरकार ( Gehlot Government ) ने तैयारी कर ली है। यह सत्र एक दिन का भी हो सकता है, जो आगे बजट सत्र के रूप में बढ़ाया जाएगा। यह सत्र राजनीतिक तौर पर गर्माहट पैदा करने वाला होगा, क्योंकि सरकार की तैयारी इसमें नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizen Amendment Act, CAA ) का विरोध तथा लोकसभा, विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए आरक्षण 10 साल बढ़ाने के संविधान संशोधन का समर्थन जताने का संकल्प पारित करने की है।

अब तक की तैयारी के अनुसार साल का पहला सत्र होने के कारण राज्यपाल के अभिभाषण से इसकी शुरुआत होगी। अभिभाषण में राज्य सरकार के कार्य और विजन का खुलासा होगा। गौरतलब है कि सीएए के विरोध का सिलसिला केरल विधानसभा से शुरु हुआ था। कांग्रेस शासित राज्य पंजाब में भी विधानसभा से सीएए के विरोध में संकल्प पारित हो चुका है और राजस्थान भी सीएए के विरोध में संकल्प पारित करने वाले राज्यों में शामिल होने जा रहा है।

इसलिए बुलाया जा रहा है विशेष सत्र
लोकसभा और विधानसभा की सीटों पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण का प्रावधान संविधान में अब तक 70 साल तक के लिए ही है, यह समयावधि 25 जनवरी 2020 को पूरी होने जा रही है। संसद के दोनों सदन इस आरक्षण को 25 जनवरी 2030 तक बढ़ाने के लिए संविधान संशोधन विधेयक पारित कर चुके हैं। इस प्रावधान को संविधान के माध्यम से लागू करने के लिए देश की आधी विधानसभाओं से समर्थन का प्रस्ताव पारित होना आवश्यक है। ऐसे में राजस्थान सरकार को संविधान संशोधन विधेयक पर समर्थन जताने के लिए 25 जनवरी से पहले ही संकल्प पारित करना होगा। इसी कारण 24 जनवरी को विशेष सत्र बुलाने की प्रक्रिया चल रही है।

इन राज्यों की विधानसभा ने जताया समर्थन
एससी-एसटी आरक्षण 10 साल बढ़ाने के लिए संसद से 126 वां संविधान संशोधन विधेयक पारित हो चुका है। संविधान में एससी-एसटी आरक्षण 70 साल से बढ़ाकर 80 साल करने के प्रावधान को प्रभावी करवाने के लिए अब तक उत्तरप्रदेश, हरियाणा, गुजरात, असम, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाड़ू, पश्चिम बंगाल, केरल, बिहार, नागालेण्ड, मणिपुर राज्यों की विधानसभाएं संकल्प पारित कर चुकी हैं।

…और इधर, राज्यपाल की मुलाकात
राज्य सरकार की विधानसभा सत्र की तैयारी के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र से शनिवार को यहां राजभवन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने अलग-अलग मुलाकात की। राज्यपाल मिश्र व मुख्यमंत्री गहलोत की मुलाकात करीब 45 मिनट तक चली। माना जा रहा है कि इसमें सत्र को लेकर भी चर्चा हुई। हालांकि राजभवन की ओर से राज्यपाल मिश्र की मुख्यमंत्री व केरल के राज्यपाल, दोनों से मुलाकातों को शिष्टाचार भेंट बताया गया है।
सत्र बुलाना असंवैधानिक

सरकार संविधान के विपरीत जाने की कोशिश कर रही है। भाजपा इसका पुरजोर विरोध करेगी। सत्र बुलाना असंवैधानिक है। नियमों के हिसाब से 21 दिन का नोटिस देना चाहिए था। –राजेंद्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष
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