जयपुर

जयपुर में बेख़ौफ़ इस गैंग को नहीं पुलिस का कोई डर, सुरक्षा व्यवस्था के ‘सरकारी’ दावों की खुली पोल

Crime News: शहर में बाइक सवार बदमाशों का आतंक इस हद तक बढ़ गया है कि वह सुनसान ही नहीं, भीड़भाड़ वाले इलाकों में भी स्नैचिंग करने से नहीं चूक रहे। स्नैचर्स इतने शातिर हो चुके हैं कि मोबाइल फोन तो लूटा ही, उससे वाट्सऐप करके पीडि़त के परिचितों से रुपए भी मांग रहे हैं।

जयपुरMar 19, 2024 / 10:19 am

Omprakash Dhaka

Jaipur News: कहां है पुलिस… स्नैचर्स पर कौन लगाएगा लगाम? पहले महिलाओं का ‘चैन’ छीना तो उन्होंने गले में सोने की चेन पहननी ही बंद कर दी। अब करें तो क्या करें शहरवासी, जेब या फिर हाथ में मोबाइल भी नहीं रखें। शहर में औसतन हर दिन मोबाइल, पर्स या चेन स्नैचिंग की वारदात हो रही हैं। अधिकतर मामलों को पुलिस गुमशुदगी या फिर चोरी साबित कर पीडि़त को टरका देती है।



शहर में बाइक सवार बदमाशों का आतंक इस हद तक बढ़ गया है कि वह सुनसान ही नहीं, भीड़भाड़ वाले इलाकों में भी स्नैचिंग करने से नहीं चूक रहे। स्नैचर्स इतने शातिर हो चुके हैं कि मोबाइल फोन तो लूटा ही, उससे वाट्सऐप करके पीडि़त के परिचितों से रुपए भी मांग रहे हैं।

 


छह मार्च को हुई सिलसिलेवार वारदात, अभी तक नहीं हुआ खुलासा

शहर में छह मार्च को बजाज नगर, एयरपोर्ट और जवाहर सर्कल इलाके में मोबाइल स्नैचिंग की सिलसिलेवार चार वारदात हुई। स्नैचर कौन थे, किसी एक ही गिरोह ने तो वारदात अंजाम नहीं दी। पुलिस के पास अभी तक इसका कोई जवाब नहीं है। इसके अगले दिन (सात मार्च) को भी खोह नागोरियान इलाके में मोबाइल छीना गया। लेकिन पुलिस इन मामलों में अभी तक कुछ नहीं कर सकी।

 


दबिश की कार्रवाई महज खानापूर्ति…

पत्रिका में नौ मार्च को ‘कहां है पुलिस… एक दिन में चार मोबाइल स्नैचिंग’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया गया। इसके बाद पुलिस कमिश्नर के आदेश पर विशेष टीमें बनाकर 10 मार्च की सुबह मोबाइल, पर्स व चेन स्नैचिंग के मामलों में वांछित व चालानशुदा बदमाशों के ठिकानों पर दबिश दी गई। पुलिस टीमें 1158 संदिग्धों को पकड़कर थाने ले आई। जिनमें से कुछ आरोपियों को शांति भंग या फिर एनडीपीएस, आबकारी, आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया। लेकिन स्नैचिंग के मामले में कोई भी पकड़ा नहीं जा सका। यही कारण है कि शहर में स्नैचिंग की वारदात थमी नहीं है।

 


केस एक

बाइक राइडर बन छीन ले गया मोबाइल

15 मार्च को मन्डुकरा, डीडवाना निवासी जीवनराम सिंधीकैंप बस स्टैंड के बाहर प्रताप नगर जाने के लिए बस का इंतजार कर रहा था। तभी कैब बाइक लेकर एक लड़का आया और पूछा कि कहां जाना है। जीवनराम ने उससे कहा कि कुंभा मार्ग जाना है, इस पर बाइक राइडर ने कहा कि एक लड़का साथ में है वह भी वहीं जा रहा है। तीनों एक बाइक से रवाना हो गए। कुछ दूर जाने पर राइडर ने कहा कि फोन की बैटरी कम है, ऑनलाइन मेप देखने के लिए आपका मोबाइल दे दो। पीडि़त ने फोन दे दिया। कुंभा मार्ग पर रामदेव सर्कल के पास बाइक रोकते हुए राइडर ने कहा कि चार्जर नीचे गिर गया, आप ले आओ। जीवनराम जैसे ही उतरा, आरोपी दोनों युवक उसका मोबाइल लेकर बाइक भगा ले गए।

 


केस दो

पहले मोबाइल छीना, फिर परिचितों से मांगे पैसे

11 मार्च को प्रताप नगर निवासी योगेश कुमार सेक्टर-20 में मेडिकल की दुकान ढूंढ़ रहा था। तभी बाइक सवार तीन लड़के आए और उसके हाथ से मोबाइल छीनकर ले गए। दूसरे दिन आरोपियों ने मोबाइल से उसके चार-पांच परिचितों को वाट्सऐप मैसेज करके बताया कि उसे पुलिस ने पकड़ लिया है और छुटने के लिए पैसे चाहिए। आरोपियों ने पैसे अपने वाट्सऐप नम्बर देते हुए फोन पे करने के लिए कहा। हालांकि परिचितों ने योगेश के दूसरे नम्बर पर सम्पर्क कर बात की तो वह ठगी से बच गए।

 

 

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केस तीन

लैपटॉप ले भागे, दम्पती को मारी टक्कर

16 मार्च को पत्रकार कॉलोनी मानसरोवर निवासी रक्षित जैमिनी डालडा फैक्ट्री रोड पर एक थड़ी पर पानी पीने के लिए रुका। उसने अपनी स्कूटी खड़ी की और पानी पी ही रहा था कि बाइक सवार बदमाश उसकी स्कूटी पर रखा लैपटॉप बैग ले भागे। भागते समय बदमाशों ने एक दम्पती को हल्की टक्कर भी मार दी।

 


केस चार

ई-रिक्शा सवार से छीना मोबाइल

16 मार्च की रात को विश्वकर्मा कॉलोनी शास्त्री नगर निवासी आदित्य सिंह कांवटिया सर्कल से आरसी सेंटर तक ई-रिक्शा से आ रहा था। इसी दौरान बाइक सवार दो बदमाश आए और उसके हाथ पर झपट्टा मारकर मोबाइल छीन ले गए।

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