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सैटेलाइट सर्वे से आधी हो गई क्लेम की बीमा राशि

locationजयपुरPublished: Feb 20, 2020 01:25:14 am

सैटेलाइट सर्वे से आधी हो गई क्लेम की बीमा राशि, फसल बीमा क्लेम में सैटेलाइट सर्वे का नया नियम जोड़ा

सैटेलाइट सर्वे से आधी हो गई क्लेम की बीमा राशि

सैटेलाइट सर्वे से आधी हो गई क्लेम की बीमा राशि

बाड़मेर. थार के किसानों के लिए सैटेलाइट सर्वे के जरिए फसल बीमा छलावा साबित हो गया है। 731 करोड़ की जगह किसानों को महज 396 करोड़ ही मुआवजा मिला है। सबंधित बीमा कंपनी को 335 करोड़ का फायदा हो रहा है। अब राजस्व मंत्री केन्द्र सरकार पर तो केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री राज्य सरकार पर कम बीमा राशि मिलने का आरोप लगा रहे हैं। वर्ष 2017-18 की खरीफ फसल के खराबे का फसल बीमा प्रीमियम 378 करोड़ बीमा कंपनी को जमा करवाए। फसल खराबा होने पर करीब 1035 करोड़ का क्लेम बन रहा था। सैटेलाइट सर्वे जोडऩे के बाद 396 करोड़ ही मुआवजा बना है। इसमें से 367 करोड़ का भुगतान हुआ है। जिले के 4 लाख किसान कम आए मुआवजे को लेकर ठगा महसूस कर रहे हैं। विदित रहे कि पहले मौसम पूर्वानुमान 60 और क्राप कटिंग 40 प्रतिशत के आधार पर फसल बीमा मिल रहा था। नए नियम में 40 प्रतिशत क्राप कटिंग, 30 मौसम पूर्वानुमान एवं 30 प्रतिशत सैेटेलाइट सर्वे को शामिल किया गया है। ऐसे में बीमा राशि कम हो गई।
फैक्ट फाइल

– 4 लाख 2 हजार 828 काश्तकार

– 1050 करोड़ रुपए कुल बीमित राशि

– 20.8 करोड़ रुपए प्रीमियम कटा

– 358 करोड़ रुपए राज्य व केन्द्र सरकार ने प्रीमियम दिया
– 731 करोड़ मिलना था क्लेम

– अब 396 करोड़ हो गई क्लेम की राशि

– 367 करोड़ रुपए कंपनी ने किसानों को दिए

– 335 करोड़ का किसानों को नुकसान
केन्द्र सरकार ने ठगा

किसानों को फसल बीमा की राशि घटाकर कंपनी को फायदा पहुंचाया गया है। यह राशि भाजपा के पार्टी फण्ड तक पहुंची है। किसानों को नियम बदलकर ठगा गया है। किसान लगातार नुकसान में है और केन्द्र सरकार अब फसल बीमा क्लेम में भी किसानों को ठग रही है।
– हरीश चौधरी, राजस्व मंत्री

राज्य ने सैटेलाइट सर्वे की मांग की थी

राज्य सरकार ने मांग की थी कि फसल बीमा सैटेलाइट से करवाया जाए। जब सैटेलाइट से सर्वे किया तो राशि कम हो गई। इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है, केन्द्र सरकार पर झूठा आरोप लगाया जा रहा है।
– कैलाश चौधरी, केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री

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