मुझे गंदगी नहीं सुहाती। घर हो या दफ्तर, गली हो या बाजार, सफाई नहीं होगी तो हम स्वस्थ नहीं रह सकते। यह हर जगह जरूरी है। जिसके आसपास सफाई रहती है, वह तन और मन दोनों से खुद को स्वस्थ महसूस करता है। स्वच्छता को उत्सव की तरह लिया जाना चाहिए।
-कर्मवीर, दंगल फेम सफाई का जीवन से गहरा नाता है। मैं अपने घर, ऑफिस में तो सफाई का ध्यान रखता ही हूं,कार में भी छोटा डस्टबिन रखता हूं। इससे वेस्ट मैनेजमेंट में दिक्कत नहीं आती। हम पूरे शहर को अपना घर समझें तो कचरा नहीं फैलेगा।
-रवीन्द्र उपाध्याय,
पाश्र्व गायक मासूमों ने भी उठाया बीड़ा- हर हाथ में हो स्वच्छता की ललक, यह बढ़ती जागरुकता का ही नतीजा है कि धार्मिक-सामाजिक मंचों पर भी स्वच्छता बड़ा नारा बन रही है।
पाश्र्व गायक मासूमों ने भी उठाया बीड़ा- हर हाथ में हो स्वच्छता की ललक, यह बढ़ती जागरुकता का ही नतीजा है कि धार्मिक-सामाजिक मंचों पर भी स्वच्छता बड़ा नारा बन रही है।
जब भी जयपुर आता हूं, वैशालीनगर में अपने घर की सफाई खुद करता हूं। घर में यह महिलाओं और बाहर सफाई कर्मियों तक सीमित रहने वाला जिम्मा नहीं, हम सबका दायित्व है। सफाई में हिचक कैसी? यह हमारे शरीर ही नहीं, मन पर भी गहरा असर डालती है। कार्य क्षमता भी प्रभावित होती है।
अशोक बेनीवाल, अभिनेता सफाई उतनी ही जरूरी है, जितना खाना-पानी और सांस लेना। इससे सबके व्यक्तित्व का भी पता चलता है। जो लोग गंदगी फैलाते हैं, वे अपने व्यक्तित्व को मैला करते हैं।
-अवधेश कुमार,
क्राइम पेट्रोल फेम हम कोशिश करें, हमारी वजह से शहर गंदा न रहे। सामाजिक स्तर पर भी इस पर जागरुकता जरूरी है। -श्रवण सागर, राजस्थानी कलाकार घर हमारा, कॉलोनी हमारी, शहर भी हमारा। तो सफाई हमारा जिम्मा क्यों नहीं, हमें इसमें पीछे नहीं रहना चाहिए। सफाई को जिंदगी से जोडऩा पड़ेगा। इसे दैनिक कार्य का हिस्सा बनाना होगा। शहर और घरों में स्वच्छता होने से ही हम सब स्वस्थ रह सकते हैं।
क्राइम पेट्रोल फेम हम कोशिश करें, हमारी वजह से शहर गंदा न रहे। सामाजिक स्तर पर भी इस पर जागरुकता जरूरी है। -श्रवण सागर, राजस्थानी कलाकार घर हमारा, कॉलोनी हमारी, शहर भी हमारा। तो सफाई हमारा जिम्मा क्यों नहीं, हमें इसमें पीछे नहीं रहना चाहिए। सफाई को जिंदगी से जोडऩा पड़ेगा। इसे दैनिक कार्य का हिस्सा बनाना होगा। शहर और घरों में स्वच्छता होने से ही हम सब स्वस्थ रह सकते हैं।
-कुणाल शर्मा, अभिनेता हम अपने घर में मंदिर की तो लगन से सफाई करते हैं लेकिन घर के बाहर हिचकते हैं। हमें शहर को मन्दिर समझना होगा। वैसे भी जहां स्वच्छता है, वहीं समृद्धि है क्योंकि यह हमें ऊर्जा देती है।
-निर्भय वाधवा,
हनुमान सीरियल फेम स्वच्छता के प्रति जागरुकता बढ़ रही है लेकिन इसे आखिरी छोर तक ले जाने की जरूरत है। हमें भी जुटना होगा। -भाग्यश्री, अभिनेत्री
हनुमान सीरियल फेम स्वच्छता के प्रति जागरुकता बढ़ रही है लेकिन इसे आखिरी छोर तक ले जाने की जरूरत है। हमें भी जुटना होगा। -भाग्यश्री, अभिनेत्री