कुछ बोले गुजरात में की थी जांच
श्रामिकों से बातचीत के दौरान कुछेक बोले गुजरात में की गई थी। वहीं कुछ जांच के नाम पर चुप्पी साध गए। हीरालाल कटारा ने बताया कि रात-दिन पैदल सफर से अब जवाब देने की स्थिति में भी हम नही हैं। अनिल मछार ने बताया कि संतरामपुर में जांच हुई थी। एेसा ही जवाब कुछ अन्य श्रमिक भी देकर आगे बढ़ गए।
श्रामिकों से बातचीत के दौरान कुछेक बोले गुजरात में की गई थी। वहीं कुछ जांच के नाम पर चुप्पी साध गए। हीरालाल कटारा ने बताया कि रात-दिन पैदल सफर से अब जवाब देने की स्थिति में भी हम नही हैं। अनिल मछार ने बताया कि संतरामपुर में जांच हुई थी। एेसा ही जवाब कुछ अन्य श्रमिक भी देकर आगे बढ़ गए।
हाई फोकस जोन बना रतनपुर
डूंगरपुर/बिछीवाड़ा. वागड़ अंचल से रोजगाररत के सिलसिले में अन्य राज्यों में निवासरत हजारों लोग घरों की ओर लौट रहे हैं। बुधवार रात से प्रशासन का पूरा फोकस रतनपुर चेकपोस्ट पर है। टीमों ने रातभर लोगों की स्क्रीनिंग की तथा प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराए गए वाहनों से उन्हें गंतव्य की ओर रवाना किया। हर वाहन को उपयोग के बाद सेनेटाइज करने की भी व्यवस्था की गई है। गुरुवार को अतिरिक्त जिला कलक्टर कृष्णपालसिंह चौहान सहित अन्य अधिकारी भी रतनपुर पहुंचे तथा स्क्रीनिंग आदि की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। चिकित्सा टीमों ने यात्रियों की जांच कर उनकी हथेलियों के पीछे होम क्वारंटाइन के लिए मुहर लगाई। दोपहर बाद सांसद कनकमल कटारा, खेरवाड़ा विधायक दयाराम परमार भी रतनपुर पहुंचे।
डूंगरपुर/बिछीवाड़ा. वागड़ अंचल से रोजगाररत के सिलसिले में अन्य राज्यों में निवासरत हजारों लोग घरों की ओर लौट रहे हैं। बुधवार रात से प्रशासन का पूरा फोकस रतनपुर चेकपोस्ट पर है। टीमों ने रातभर लोगों की स्क्रीनिंग की तथा प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराए गए वाहनों से उन्हें गंतव्य की ओर रवाना किया। हर वाहन को उपयोग के बाद सेनेटाइज करने की भी व्यवस्था की गई है। गुरुवार को अतिरिक्त जिला कलक्टर कृष्णपालसिंह चौहान सहित अन्य अधिकारी भी रतनपुर पहुंचे तथा स्क्रीनिंग आदि की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। चिकित्सा टीमों ने यात्रियों की जांच कर उनकी हथेलियों के पीछे होम क्वारंटाइन के लिए मुहर लगाई। दोपहर बाद सांसद कनकमल कटारा, खेरवाड़ा विधायक दयाराम परमार भी रतनपुर पहुंचे।
१०० मजदूर ५०० किमी. पैदल रवाना
कुचामनसिटी. नमक औद्योगिक क्षेत्र में कार्य करने वाले कई मजदूर परिवार बुधवार रात को पैदल ही मध्यप्रदेश के अपने गांव के लिए रवाना हो गए, इन परिवारों का कहना है कि अब यहां रोजगार नहीं है। ऐसे में यह परिवार पलायन को मजबूर है। हालांकि करीब ५०० किलोमीटर का लंबा सफर उनके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायी साबित हो सकता है। यह लोग ५ दिन पैदल चलकर जगह-जगह रुकेंगे और इसके बाद अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।
कुचामनसिटी. नमक औद्योगिक क्षेत्र में कार्य करने वाले कई मजदूर परिवार बुधवार रात को पैदल ही मध्यप्रदेश के अपने गांव के लिए रवाना हो गए, इन परिवारों का कहना है कि अब यहां रोजगार नहीं है। ऐसे में यह परिवार पलायन को मजबूर है। हालांकि करीब ५०० किलोमीटर का लंबा सफर उनके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायी साबित हो सकता है। यह लोग ५ दिन पैदल चलकर जगह-जगह रुकेंगे और इसके बाद अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।