राज्य सरकार ने लगातार घाटे में चल रहे दोनों बिजली निगमों निजी हाथों में देने की तैयारी कर ली है…
हरियाणा। राज्य सरकार ने लगातार घाटे में चल रहे दोनों बिजली निगमों निजी हाथों में देने की तैयारी कर ली है। सरकार द्वारा इसकी शुरूआत भी कर दी गई है। यही कारण है कि बिजली कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है। इन सभी कर्मचारियों ने इसका विरोध किया है।
जानकारी के अनुसार पहले चरण में दोनों निगमों की 23 सब-डिवीजन में इसकी शुरूआत की गई है। इन सब-डिवीजन में शिकायत और रखरखाव का जिम्मा निजी कम्पनियों को सौंपा गया है। इन सब-डिवीजन में शिकायत और रखरखाव का काम पूरी तरह से निजी हाथों में सौंप दिया गया है।
इस मामले में बिजली विभाग के कर्मचारी खासे गुस्से में है और वो सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने के मुड में हैं। साथ ही साथ बिजली विभाग में निजीकरण के इस शुरूआती दौर में ही समस्याएं आनी शुरू हो गई हैं।
बिजली निगम ने प्रदेश के 10 जिलों में निजीकरण की शुरूआत की है, जिसके तहत रोहतक, सोनीपत, झज्जर, पानीपत, पंचकुला और हिसार की दो-दो सब-डिवीजन, फरीदाबाद की 4, गुडगांव की 5, करनाल और यमुनानगर की एक-एक सब-डिवीजन शामिल हैं।