उन्होंने कैबिनेट बैठक के बाद मुख्य सचिव राजीव स्वरूप को तल्ख अंदाज में कहा कि सरकार के स्तर पर जनहित के लिए जो फैंसले लिए गए उनकी पालना को लेकर अफसर गंभीर नहीं है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार ने जो फैसले छह माह पूर्व लिए गए वे अभी तक अधूरे हैं और क्योंकि उन पर काम तक शुरू नहीं हुआ। सीएम गहलोत ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि सरकार के फैसलों के क्रियान्वयन को लेकर लापरवाह अफसरों पर सख्ती की जाए जिससे प्रदेश की जनता के बीच सरकार की छवि धूमिल नहीं हो।
प्रदेश में सरकार के 18 महीने के कार्यकाल में लगातार मंत्रियों और सचिवों के विवाद चल रहे हैं। इस स्थिति में तीन से चार महीने में ही सचिव का तबादला विभाग से हो रहा है और सरकार की योजनाओं पर जो काम होता है वह नए सचिव के आने के बाद ठंडे बस्ते में चला जाता है।
प्रदेश में सरकार के 18 महीने के कार्यकाल में लगातार मंत्रियों और सचिवों के विवाद चल रहे हैं। इस स्थिति में तीन से चार महीने में ही सचिव का तबादला विभाग से हो रहा है और सरकार की योजनाओं पर जो काम होता है वह नए सचिव के आने के बाद ठंडे बस्ते में चला जाता है।