मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पत्रकारों ने पूछा कि पूनिया ने बयान दिया है कि मुख्यमंत्री युवा नेतृत्व को नहीं पचा पाते हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा, पूनिया अभी नए-नए अध्यक्ष बने हैं। उनको अभी पता नहीं है कि राजस्थान ( Rajasthan ) में युवा पीढ़ी ही काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये बात सतीश पूनिया भी जानते हैं। वे खुद निजी तौर पर इस बात को स्वीकार करते हैं कि अशोक गहलोत ने युवा पीढ़ी को आगे बढ़ाया है, लेकिन वे सार्वजनिक तौर पर यह कैसे कह सकते हैं? उनको अपनी कुर्सी भी कायम रखनी है।
दिल्ली की बजाए राजस्थान की फिक्र करें सीएम मुख्यमंत्री के बयान के बाद पूनिया ने कहा कि वे पहले भी कह चुके हैं कि मुख्यमंत्री को अपनी पार्टी सहित दूसरी पार्टियों में नए नेतृत्व पर ऐतराज है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को दिल्ली के आलाकमान की बजाय राजस्थान की जनता की अधिक फिक्र करनी चाहिए। इससे पहले पूनिया ने सीकर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि गहलोत ने तिकड़म से सरकार को बचा रखा है। सरकार को बचाने के लिए गहलोत ने पिछले दिनों बसपा के छह विधायकों ( BSP MLA ) को कांग्रेस में शामिल कर लिया, लेकिन अब उन्होंने आंखें दिखानी शुरू की तो प्रदेश कांग्रेस ( Rajasthan Congress ) के प्रभारी अविनाश पांडे ( Avinash Pandey ) को जयपुर आना पड़ा।