यह पहला मौका है जब किसी सीएम ने थाना स्तर तक संवाद किया। गहलोत ने कहा कि आत्महत्या की घटनाएं दुखद है। संकट काल में पुलिस ने समर्पण से काम किया है। वर्तमान परिस्थितियों को देखा जाए तो पुलिस के सामने दोहरी चुनौती है। पहली लॉकडाउन के खुलने के बाद बढ़ रहे अपराध पर नियंत्रण करना और दूसरी कोरोना संक्रमण के फैलाव में भी अपनी मुस्तैदी से ड्यूटी कर लोगों को जागरूक करना। करीब 1 लाख पुलिसकर्मियों के साथ 15 हजार होमगार्ड एवं 24 हजार पुलिस मित्रों ने मिलकर इस चुनौती का सामना किया।
प्रवासियों को सकुशल अपने घर पहुंचाने, सुरक्षित प्रसव, वृद्ध जनों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने, जरूरतमंद महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन पहुंचाने जैसे कार्यों को लेकर पुलिस ने संवेदनशील व्यवहार का परिचय दिया है। मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों से कहा कि लॉकडाउन के दौरान जनता में पुलिस की छवि सुधरी है इसे बरकरार रखना है।
निजी अस्पतालों में हो मुफ्त इलाज
वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार ने कोविड-19 मरीजों के लिए निजी अस्पतालों को जारी एडवाइजरी हाई कोर्ट में पेश की है। इसमें कहा गया है कि कोविड-19 जी के लिए अधिसूचित निजी अस्पताल कोविड-19 शुल्क इलाज करेंगे। मरीजों को सरकारी अस्पताल में जाने के लिए बाध्य किया तो ऐसे संस्थान पर कार्रवाई की जाएगी।