पूनियां ने कहा कि मानदेय सहित विभिन्न मांगों को लेकर कड़ाके की सर्दी में आशा सहयोगिनी बहनें राजधानी जयपुर में धरने पर बैठने को मजबूर हैं, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत समाधान निकालने की बजाए संवेदनहीन बने बैठे हैं, ना कोई उनसे वार्ता की पहल की गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से मेरा आग्रह है कि आशा सहयोगिनी बहनों की मांगों पर गम्भीरता से ध्यान देकर जल्द समाधान निकालना चाहिए। पूनियां ने ट्वीट कर कहा कि बेरोजगारों से झूठे वादे करने वाली सरकार अगर रोजगार देने में सक्षम नहीं है तो कम से कम अभ्यर्थियों पर अत्यचार तो ना करे। बीएसटीसी अभ्यर्थी अपने हक के लिए शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे, इन पर सरकार द्वारा पुलिस वालों से लाठीचार्ज करवाकर खदेड़ना निंदनीय है। पूनियां ने कोटा-बारां नेशनल हाईवे पर सिमलिया थाना क्षेत्र में हुए सड़क हादसे में मृतक लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की और ईश्वर से प्रार्थना कर घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की एवं मृतक परिजनों को यह आघात सहने की शक्ति मिले।