‘छापा तो उनके यहां पड़ना चाहिए था’
शेखावत का नाम लिए बगैर गहलोत ने कहा कि वे खुद संजीवनी सोसाइटी स्कैम में फंसे हुए हैं, फिर भी सरकार को गिराने की साजिश में शामिल रहे। सीबीआई या ईडी का छापा तो उनके यहां पड़ना चाहिए। लेकिन उन लोगों के ऊपर बेवजह पड़ रहा है जिनके नाम, संबंध और रिश्ते हम लोगों से जुड़े हुए हैं। टेलीफोन पर बात कर नहीं सकते। लोग कब तक बर्दाश्त करेंगे, वे सड़कों पर उतर आयेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कोरोना का संकटकाल चल रहा है, उस दरम्यान सरकार गिराने की साजिश को अंजाम दिया जा रहा था। हमने तो कोविड की लड़ाई में केंद्र सरकार का सहयोग किया, उनकी सराहना की लेकिन कोरोना से असली लड़ाई राज्य की सरकारों ने की, क्योंकि जनता से सीधा वास्ता उन्हीं का पड़ता है। राजस्थान में भी जीवन और आजीविका बचाने का काम जारी था, पर कोरोना ख़त्म नहीं हुआ उससे पहले इस तरह के हथकंडे अपनाए गए। इसे जनता कैसे माफ कर सकती है?
पायलट कैम्प की ओर से लगातार आ रही प्रतिक्रियाओं और संभावित रणनीति के सवाल पर गहलोत ने कहा कि ये वो जानें, उनका ज़मीर जानें। उनका किसी से संपर्क है वो मुझे मालूम नहीं है। हाईकमान का जो भी फैसला होगा हम जैसे अनुशासित सिपाही को वो मंजूर होता है।
बागी विधायकों के क्षेत्रों में विकास कार्य से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकों असंतुष्ट नहीं, उन्होंने रिवोल्ट किया है। ऐसे में फ़र्ज़ बनता है कि उनके क्षेत्रों की जनता से जुड़े विकास कार्य हों। इसमें जनता का क्या कसूर है? जनता ने उनको जिताकर विधानसभा भेजा था, अगर उन्होंने नाइत्तेफाक़ी रखी या बदला लिया तो इस कारण से जनता सफ़र नहीं करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता के घर-घर के अंदर इतना भयंकर आक्रोश है जिसकी कल्पना भी नहीं कर सकते। विधायकों के प्रति जो प्यार-मोहब्बत-भाईचारा और आदरभाव होना चाहिए थे उसमें कमी आएगी। उन्होंने कहा कि जो विधायक गए हैं उनकी कामों को लेकर कोई शिकायत ही नहीं थी। अब क्योंकि बाड़ेबंदी में बैठे हुए हैं इसलिए जानबूझकर कह रहे हैं कि हमारे काम नहीं हो रहे थे, हम असंतुष्ट थे। आज तक कोई शिकायत नहीं की, बल्कि तारीफ की। चाहे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में या मिलने के दौरान कभी कोई शिकायत नहीं थी, पर अब शिकायतें पैदा करने का प्रयास करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रक्षाबंधन पर्व पर विधायकों को घर जाने से वंचित होना पडा है, जिसका दुःख है। लेकिन देश में लोकतंत्र मजबूत रखना मौजूदा समय में सभी की प्राथमिकता है। लोकतंत्र को बचाने के लिए सबकुछ किया जा रहा है।