जयपुर जिला प्रमुख रमादेवी के चौपड़ा के पदभार ग्रहण समारोह के बाद पूनिया ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जुम्मा जुम्मा ढाई प्रदेशों में कांग्रेस सरकार है। अब अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद लगने लगा है कि कांग्रेस से बड़े नेताओं का भी मोह भंग हो रहा है। ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस पार्टी विचार व्यवहार के नाते अंतिम सांसे गिन रही है। राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार के सवाल पर पूनिया ने कहा कि यह सवाल अमिताभ बच्चन के कौन बनेगा करोड़पति जैसा हो गया है। इस सवाल का जवाब मिल पा रहा है। ऐसा लगता है कि राजस्थान में बाकी समस्याओं से बड़ा काम मंत्रिमंडल का पुनर्गठन ही है। पर लगता नहीं है कि पुनर्गठन होगा, कई कोट सिले सिलाए रह गए, कई नेताओं के मुंगेरीलाल के सपने रह गए। न राधा नाचेगी न नौ मन तेल होगा।
कांग्रेस की नीति फासिस्टवादी पूनिया ने सीएम के ट्वीट में फासिस्टवादी ताकतों के बारे में लिखने पर कहा कि यह बात उन्होंने शायद सोनिया गांधी के लिए कही होगी। इस देश में सोनिया की सास ने आपातकाल लागू करके फासिस्ट राज लागू किया था। कांग्रेस की नीति फासिस्टवादी, वंशवादी और परिवारवादी रही है। उस परिवार में न लोकतंत्र है न पार्टी में। शायद ऐसा नहीं होता तो सत्ता से बाहर नहीं होती।