सवाल— आपकी सरकार के दो साल की सबसे बड़ी चुनौती क्या मानते हैं। जवाब — फिलहाल पूरी दुनिया के सामने कोविड-19 ही सबसे बड़ी चुनौती है। कोविड-19 में लोगों के जीवन और आजीविका दोनों बचाने की चुनौती थी। मुझे इस बात का संतोष है कि हमने इस चुनौती पर काफी हद तक काबू पा लिया है। हमने प्रदेश में किसी को भूखा ना सोने देने का संकल्प लिया जिसे पूरी तरह निभाया। लोगों का जीवन बचाने के लिये हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जिससे मृत्युदर एक फीसदी से भी कम रही है।
सवाल — आपके पिछले कार्यकाल में फ्री दवाई ,फ्री जांच जैसी क्रांतिकारी योजना लाई गई अब तीसरे कार्यकाल में कई योजनाओं को लॉंच किया गया है जवाब — हमारा उद्देश्य है जनता को संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन देना। हमने पहले 20 लाख से ज्यादा किसानों का कर्ज माफ किया। देश में पहली बार अनिवार्य रूप से थानों में एफआईआर दर्ज करने सुविधा लागू की। प्रदेश में 201 सरकारी अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले गए हैं। महज दो साल में लगभग 90 नये कॉलेज खोले गये हैं जो एक नहीं कई सरकारों के कार्यकाल में नहीं खुल पाते हैं। प्रदेश में 15 नये मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किये हैं। सरकार संस्थाओं को अनुदान देकर इंदिरा रसोई योजना में महज 8 रुपए में अच्छा भोजन उपलब्ध कराया है। पचपदरा रिफायनरी का काम तेजी से किया जा रहा है। पारदर्शिता की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए हमने जनकल्याण पोर्टल लॉन्च किया है जिस पर राज्य सरकार के सभी राजकीय दस्तावेज, सुशासन के लिये उठाए कदम, सभी योजनाएं एवं सेवाएं और उनके नियम, सभी विकास कार्य, नवाचार एवं उपलब्धियां सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होंगे। ये तो बस दो साल का काम है, अभी तो तीन साल बाकी हैं जिनमें राजस्थान विकास के नये आयामों को हासिल करेगा।
सवाल — भाजपा लगातार कह रही हैं कि ये सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी
जवाब — भाजपा ने पहले दिन से धनबल और बाहुबल के आधार पर हमारी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की है, लेकिन हमारे विधायकों की एकजुटता और जनता के समर्थन से उन्हें हर बार मुंह की खानी पड़ी है। आम जनता ने भाजपा के इन मंसूबों की निंदा की है, कर रही है और आगे भी करती रहेगी। राजस्थान में ऐसी परंपरा नहीं रही है। जब यहां भैरों सिंह की सरकार थी तब उनकी पार्टी के लोगों ने ही उनकी सरकार गिराने की कोशिश की। मैं वो व्यक्ति हूं जो उस समय पीसीसी प्रेसिडेंट और केंद्रीय मंत्री होते हुये भी राज्यपाल बलिराम भगत के पास गया और इसका विरोध किया। मैंने पब्लिक में इस बारे में बयान भी दिए थे। भाजपा के वरिष्ठ नेता इस बात को जानते हैं कि मैंने तब भैरो सिंह की सरकार को गिराने नहीं दिया।
सवाल — आपने नागरिकता संशोधन कानून और अब कृषि कानून को लेकर केंद्र से सीधा लोहा लिया, अब क्या रणनीति बनाएंगे ।
जवाब — इस देश को आजाद कराने से लेकर एक रखने के लिये हमारे नेताओं ने लंबा संघर्ष किया है।नागरिकता संशोधन कानून इस देश की एकता के लिए खतरा है इसलिए हमने इसका सार्वजनिक तौर पर विरोध किया। कृषि कानून पर केंद्र सरकार ने किसी की राय नहीं ली और कानून बना दिया। जिन किसानों के नाम पर कानून बना वो ही इसका विरोध कर रहे हैं ये देश का दुर्भाग्य है कि ऐसे लोग सत्ता में हैं जो सरकार की आलोचना को देशद्रोह कहते हैं।
जवाब — भाजपा ने पहले दिन से धनबल और बाहुबल के आधार पर हमारी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की है, लेकिन हमारे विधायकों की एकजुटता और जनता के समर्थन से उन्हें हर बार मुंह की खानी पड़ी है। आम जनता ने भाजपा के इन मंसूबों की निंदा की है, कर रही है और आगे भी करती रहेगी। राजस्थान में ऐसी परंपरा नहीं रही है। जब यहां भैरों सिंह की सरकार थी तब उनकी पार्टी के लोगों ने ही उनकी सरकार गिराने की कोशिश की। मैं वो व्यक्ति हूं जो उस समय पीसीसी प्रेसिडेंट और केंद्रीय मंत्री होते हुये भी राज्यपाल बलिराम भगत के पास गया और इसका विरोध किया। मैंने पब्लिक में इस बारे में बयान भी दिए थे। भाजपा के वरिष्ठ नेता इस बात को जानते हैं कि मैंने तब भैरो सिंह की सरकार को गिराने नहीं दिया।
सवाल — आपने नागरिकता संशोधन कानून और अब कृषि कानून को लेकर केंद्र से सीधा लोहा लिया, अब क्या रणनीति बनाएंगे ।
जवाब — इस देश को आजाद कराने से लेकर एक रखने के लिये हमारे नेताओं ने लंबा संघर्ष किया है।नागरिकता संशोधन कानून इस देश की एकता के लिए खतरा है इसलिए हमने इसका सार्वजनिक तौर पर विरोध किया। कृषि कानून पर केंद्र सरकार ने किसी की राय नहीं ली और कानून बना दिया। जिन किसानों के नाम पर कानून बना वो ही इसका विरोध कर रहे हैं ये देश का दुर्भाग्य है कि ऐसे लोग सत्ता में हैं जो सरकार की आलोचना को देशद्रोह कहते हैं।
सवाल— सरकार के आर्थिक हालत खराब है इसे कैसे दुरुस्त करेंगे
जवाब — कोविड के कारण राज्य के आर्थिक हालातों पर बड़ा नकारात्मक असर पड़ा है। हमारे पिछले बजट के अनुमानों में भी अंतर आया है। कोविड प्रबंधन में भी बड़ा खर्च हुआ है। हमने सरकारी खर्च की प्लानिंग नए सिरे से की है। महामारी से मुकाबला पूरी तरह राज्यों को करना पड़ रहा है। केंद्र सरकार को आगे बढ़कर राज्यों की मदद करनी चाहिए थी लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। केंद्र सरकार राज्यों का जीएसटी का बकाया तक नहीं चुका रही है
जवाब — कोविड के कारण राज्य के आर्थिक हालातों पर बड़ा नकारात्मक असर पड़ा है। हमारे पिछले बजट के अनुमानों में भी अंतर आया है। कोविड प्रबंधन में भी बड़ा खर्च हुआ है। हमने सरकारी खर्च की प्लानिंग नए सिरे से की है। महामारी से मुकाबला पूरी तरह राज्यों को करना पड़ रहा है। केंद्र सरकार को आगे बढ़कर राज्यों की मदद करनी चाहिए थी लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। केंद्र सरकार राज्यों का जीएसटी का बकाया तक नहीं चुका रही है
सवाल मंत्रिमंडल फेरबदल , राजनीतिक नियुक्ति कब तक होने की उम्मीद हैं।
जवाब — जैसे ही संगठन के साथ चर्चा पूरी होगी तो मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियां हो जाएगी। सवाल— अपनी सरकार को कितने नंबर देंगे
जवाब — इस बार हमने चुनौतियों को अवसर में बदलकर बेहतरीन काम किया है। नंबर देने का काम जनता का है। मैं मानता हूं कि सुधार की गुंजाइश हमेशा रहती है जो हम आगे भी करते रहेंगे।
जवाब — जैसे ही संगठन के साथ चर्चा पूरी होगी तो मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियां हो जाएगी। सवाल— अपनी सरकार को कितने नंबर देंगे
जवाब — इस बार हमने चुनौतियों को अवसर में बदलकर बेहतरीन काम किया है। नंबर देने का काम जनता का है। मैं मानता हूं कि सुधार की गुंजाइश हमेशा रहती है जो हम आगे भी करते रहेंगे।
सवाल — राहुल गांधी को क्या फिर से कांग्रेस की कमान सौपी जाएगी
जवाब — लाखों कांग्रेस कार्यकर्ता और देश के नागरिक ये चाहते हैं कि राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाए जिससे मोदी सरकार के सामने एक मजबूत विपक्ष का चेहरा सामने हो। चाहे कोरोना हो या आर्थिक संकट हो या किसान आंदोलन हो, जिस तरह राहुल गांधी ने अपनी बात रखी है और उसकी परिणिति हुई है, उससे लोगों का राहुल गांधी पर भरोसा बढ़ा है। जिस तरह बीजेपी ने सोशल मीडिया पर उनकी छवि खराब की और उनके बारे में झूठ फैलाया, अब उस झूठ का गुब्बारा फूट चुका है और देश सच्चाई समझ चुका है।
जवाब — लाखों कांग्रेस कार्यकर्ता और देश के नागरिक ये चाहते हैं कि राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाए जिससे मोदी सरकार के सामने एक मजबूत विपक्ष का चेहरा सामने हो। चाहे कोरोना हो या आर्थिक संकट हो या किसान आंदोलन हो, जिस तरह राहुल गांधी ने अपनी बात रखी है और उसकी परिणिति हुई है, उससे लोगों का राहुल गांधी पर भरोसा बढ़ा है। जिस तरह बीजेपी ने सोशल मीडिया पर उनकी छवि खराब की और उनके बारे में झूठ फैलाया, अब उस झूठ का गुब्बारा फूट चुका है और देश सच्चाई समझ चुका है।