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सीएम गहलोत बोले, अमित शाह राजस्थान आकर लें कानून व्यवस्था का जायजा, चार्टर प्लेन भेजने को तैयार

locationजयपुरPublished: Mar 28, 2022 03:51:51 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

भाजपा नेताओं की ओर से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को टिकट भेज राजस्थान आने का न्योता देकर कानून व्यवस्था स्थिति जानने के मामले के बाद अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पलटवार किया है।

cm ashok gehlot invited amit shah in rajasthan over law and order

भाजपा नेताओं की ओर से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को टिकट भेज राजस्थान आने का न्योता देकर कानून व्यवस्था स्थिति जानने के मामले के बाद अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पलटवार किया है।

भाजपा नेताओं की ओर से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को टिकट भेज राजस्थान आने का न्योता देकर कानून व्यवस्था स्थिति जानने के मामले के बाद अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पलटवार किया है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को आमंत्रित करते हुए कहा कि शाह को राजस्थान आकर यहां की कानून व्यवस्था का जायजा लेना चाहिए, इसके लिए सरकार चार्टर प्लेन भेजने को तैयार है। गहलोत ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि भाजपा के नेता राजस्थान में अपराधों को लेकर बार-बार प्रियंका गांधी को आमंत्रित करते हैं, जबकि खुद गृह मंत्री अमित शाह राजस्थान आएं और यहां आकर प्रदेश में कानून व्यवस्था के संबंध में किए गए नवाचारों एवं अपराध के विरुद्ध की गई कठोर कार्रवाई की जानकारी लें जिससे उनकी पार्टी द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम दूर हो सकें।
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2020 में लॉकडाउन होने के बावजूद जब पूरे देश में गत वर्ष की तुलना में अपराधों में 28.03% की वृद्धि हुई तब राजस्थान में 14.46% की कमी हुई। प्रदेश में 2020 में डकैती, लूट, अपहरण, बलात्कार, बलवा, नकबजनी, चोरी सहित सभी तरह के अपराधों में कमी आई है। इस दौरान अमित शाह के गृहराज्य गुजरात में तो अपराध में 62.29% की बढ़ोत्तरी हुई। वर्ष 2021 में भी राजस्थान में 2019 की तुलना में 4.77% की कमी हुई है।
हमारी सरकार ने एफआईआर अनिवार्य करने का साहस दिखाया। अनिवार्य एफआईआर पंजीकरण नीति लागू करते समय हमें पता था कि अपराध के आंकड़ों में बढ़ोत्तरी होगी एवं विपक्ष तथा मीडिया इस पर सवाल उठाएगा, लेकिन हर पीड़ित को इंसाफ दिलाने के लिए हमने यह नीति लागू की। पहले पॉक्सो एक्ट के पीड़ित कार्रवाई ना होने के डर से मन मसोस कर रह जाते थे, लेकिन अब उनका सरकार में भरोसा जागा है और वो एफआईआर दर्ज करवा रहे हैं।
पुलिस हर एफआईआर को एक तार्किक अंत तक पहुंचा रही है और अपराधियों को सजा मिल रही है। अनिवार्य एफआईआर पंजीकरण नीति लागू होने से पूर्व महिला अपराधों की 33.4% एफआईआर अदालतों सीआरपीसी 156 (3) से इस्तगासे के माध्यम से दर्ज होती थीं परन्तु इस नीति के बाद यह संख्या सिर्फ 16% रह गई है।
पूरे देश में लागू हो एफआईआर पंजीकरण नीति
महिला अत्याचारों का अनुसंधान समय भाजपा सरकार के दौरान 2017-18 में 274 दिन हुआ करता था जो अब अब 79 दिन रह गया है। महिला अपराधों के लिए हर जिले में एडिशनल एसपी की नियुक्ति की गई है। अदालत से भी कोई अपराधी बच ना सके इसलिए लीगल ऑफिसर्स की नियुक्ति की है। इन सभी कदमों से पीड़ितों को राहत मिली है एवं अपराधियों में भय व्याप्त हुआ है। मैंने प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया कि पूरे देश में अनिवार्य एफआईआर पंजीकरण नीति लागू हो जिससे सभी प्रदेशों के असल आंकड़े सामने आ सकें परन्तु अभी तक ऐसा नहीं हुआ है।
अनिवार्य एफआईआर पंजीकरण के बावजूद अपराधों में कमी दिखाता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति भाजपा शासित राज्यों से बेहतर है। हमारी सरकार के 3 सालों में पॉक्सो एक्ट के 620 मामलों में सजा सुनाई गई है। इनमें 7 को फांसी एवं 137 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। हम भाजपा की तरह अपराध पर राजनीति नहीं करते अपितु अपराधियों को कठोर दंड देकर उन्हें अंजाम तक पहुंचाते हैं।
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