सूत्रों के अनुसार सबकुछ ठीक रहा तो मंत्रिमंडल विस्तार इसी सप्ताह होगा। यह तय है कि फरवरी में विधानसभा के बजट सत्र में गहलोत की टीम लगभग 10 नए चेहरों के साथ कुछ बदली नजर आएगी। गहलोत अपनी टीम में कांग्रेस के 5, तीन निर्दलीयों व बसपा से कांग्रेस में शामिल 2 विधायकों को जगह दे सकते हैं। वहीं 2-3 राज्य मंत्रियों का प्रमोशन हो सकता है। उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल सकता है। प्रशासनिक सुधार विभाग (जीएडी) को भी तैयारियों के लिए कह दिया गया है। मंत्रिमंडल विस्तार कोरोना काल तथा सियासी घमासान के कारण लगभग 10 महीनों से अटका हुआ है।
9 जगह खाली, पूरी नहीं भरेंगे
मंत्रिमंडल में वर्तमान में 30 में से 9 जगह खाली हैं। सूत्रों के अनुसार विस्तार में सभी खाली जगह नहीं भरी जाएंगी। विस्तार में एक-दो जगह खाली रखी जाएंगी। सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री भंवरलाल मेघवाल के निधन तथा सियासी संकट के दौरान सचिन पायलट, रमेश मीणा एवं विश्वेंद्र सिंह को हटाने के बाद गहलोत सहित 21 मंत्री हैं।
सीएम के पास 18 से ज्यादा विभाग
अभी गहलोत के पास 18 से अधिक विभाग हैं। पहले उनके पास वित्त, गृह, कार्मिक जैसे अहम विभागों के साथ 9 विभाग थे। फिर सियासी घमासान के दौरान सचिन पायलट, रमेश मीणा एवं विश्वेंद्र सिंह को मंत्री पद से हटाया गया। वहीं, लम्बी बीमारी के बाद हाल ही भंवरलाल मेघवाल का निधन हो गया। इस कारण पंचायत राज एवं ग्रामीण विकास, पीडब्ल्यूडी, खाद्य-आपूर्ति, पर्यटन, सामाजिक न्याय-अधिकारिता, आपदा प्रबंधन-सहायता जैसे अहम विभाग भी मुख्यमंत्री देख रहे हैं।
दो-तीन मंत्रियों के विभाग होंगे कम, सीएम भी कम करेंगे अपनी जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री पंचायत राज एवं ग्रामीण विकास, पीडब्ल्यूडी, खाद्य-आपूर्ति, पर्यटन, सामाजिक न्याय-अधिकारिता, आपदा प्रबंधन-सहायता जैसे कुछ विभाग की जिम्मेदारी खुद से हटाकर टीम को सौंपेंगे। ऊर्जा व जलदाय मंत्री बीडी कल्ला, चिकित्सा एवं सूचना-जनसम्पर्क मंत्री रघु शर्मा जैसे सदस्यों से एक-एक प्रमुख विभाग नए चेहरों को दिया जा सकता है।
प्रबल दावेदार
– कांग्रेस: बृजेंद्र ओला, हेमाराम चौधरी, दीपेंद्रसिंह शेखावत, मुरारी मीणा, रमेश मीणा व विश्वेंद्र सिंह।
– निर्दलीय: संयम लोढ़ा, महादेवसिंह खंडेला व मंजू मेघवाल।
– बसपा से शामिल हुए: राजेंद्र गुढ़ा व जोगेंद्रसिंह अवाना।