गहलोत को भेजे पत्र में शर्मा ने कहा कि ओएसडी की जिम्मेदारी देने के बाद से मेरी सीमाओं और मर्यादाओं का ध्यान रखते हुए कभी कोई राजनैतिक द्वीट नहीं किया. मैंने हमेशा राज्य सरकार और मुख्यमंत्री की बात, सरकार के फैसले, जनकल्याणकारी योजनाओं और सरकार की सकारात्मक मंशा को ही आगे बढ़ाने का प्रयास किया और सरकार के कार्यकलाप और सरकार के साथ मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल करने वाले लोगों को तथ्यों के साथ जवाब देकर उनके द्वारा फैलाए जाने वाले भ्रामक प्रचार को रोकने का प्रयास किया.
शर्मा ने कहा कि मैं लगभग रोजाना ही द्वीट करता रहता हूं. मेरे इस ट्वीट से किसी भी रूप में पार्टी, सरकार और आलाकमान की भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो मैं क्षमा चाहता हूं। शर्मा ने कहा कि. मेरी मंशा, मेरे शब्द और मेरी भावना किसी को भी किसी रूप में ठेस पहुंचाने वाली नहीं थी और न कभी होगी., फिर भी अगर लगता है ये जान-बूझकर कोई गलती की गयी है तो विशेषाधिकारी पद से इस्तीफा भेज रहा हूं।आप इस बारे में फैसला करे।
ये किया था शर्मा ने ट्वीट
पंजाब में हुए राजनीतिक घटना क्रम के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने शायराना अंदाज में लिखा था कि “मजबूत को मजबूर, मामूली को मगरूर किया जाए…बाड़ ही खेत को खाए तो फसल को कौन बचाए!
लोकेश शर्मा के ट्वीट को लेकर राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा रही और इसका अलग-अलग तरह से मतलब निकाला गया. जिसके बाद लोकेश शर्मा ने शनिवार देर रात अपने पद से इस्तीफा दे दिया.