भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने आज विधानसभा के बाहर कहा है कि मुख्यमंत्री ने कल बजट में कहा था कि हमने आंधियों में चिराग जलाए हैं। मगर मुझे लग रहा है दिए टिमटिमा रहे हैं, इसलिए मध्यावधि चुनाव की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। सरकार की बातचीत, उनके चेहरों, आचरण से साफ लगता है उनको कभी भी चुनाव में जाना पड़ सकता है।
बजट में चार सीटों को लेकर की गई घोषणाओं पर पूनियां ने कहा कि राजस्थान में दो साल पहले जो घोषणा की थी। उनमें से 78 योजनाएं कागजों से उतरी नहीं है। उन पर अमल हुआ नहीं है। मुझे नहीं लगता कि कोई काम होने वाला है या जनता को कोई रीलिफ मिलने वाली है। बजट को लेकर पूनियां ने कहा कि यह चुनावी बजट जैसा ही था। जिस तरीके से सीएम लगातार घोषणाएं लगातार करते रहे हैं। भाषण में रिकॉर्ड बनाया है। मगर वो भूल गए कि 21 सीटें जीतने का रिकॉर्ड भी उन्होंने बनाया था। हमारे मुख्यमंत्री घोषणाजीवी हो गए हैं। इनके जरिए वो जनता में छाप छोड़ने की कोशिश करेंगे।
घोषणाओं में विरोधाभास पूनियां ने कहा कि सीएम की घोषणाओं और वास्तविकता में विरोधाभास है। गुरुशरण छाबड़ा के अनशन के दौरान गहलोत गए थे और उन्होंने शराबबंदी की मंशा जताई थी। मगर बजट में एक किस्म से शराब को प्रमोट करने की बात कही गई है। उन्हें साफ कर देना चाहिए कि शराब रेवेन्यू का बड़ा सोस है, इसलिए बंद नहीं कर सकते। इस तरह की गांधीवादी बातें करने का कोई औचित्य नहीं है।