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जयपुर

निराश्रित अनाथ बच्चों और विधवा महिलाओं को स्थाई आश्रय स्थलों में मिलेगा आश्रय

कोविड महामारी की वजह से अनाथ हुए बच्चों और विधवा महिलाओं को डे-एनयूएलएम योजना के तहत संचालित स्थाई आश्रय स्थलों में ठहराया जाएगा। साथ ही इंदिरा रसोई के माध्यम से इन्हे निशुल्क भोजन भी मिलेगा। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने इस संबंध में सभी निकायों को निर्देश जारी किए हैं।

जयपुरJun 22, 2021 / 05:59 pm

Umesh Sharma

निराश्रित अनाथ बच्चों और विधवा महिलाओं को स्थाई आश्रय स्थलों में मिलेगा आश्रय

निराश्रित अनाथ बच्चों और विधवा महिलाओं को स्थाई आश्रय स्थलों में मिलेगा आश्रय

जयपुर।

कोविड महामारी की वजह से अनाथ हुए बच्चों और विधवा महिलाओं को डे-एनयूएलएम योजना के तहत संचालित स्थाई आश्रय स्थलों में ठहराया जाएगा। साथ ही इंदिरा रसोई के माध्यम से इन्हे निशुल्क भोजन भी मिलेगा। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने इस संबंध में सभी निकायों को निर्देश जारी किए हैं। धारीवाल ने साफ किया है कि यदि निकाय में डे-एनयूएलएम योजना के अंतर्गत स्थाई आश्रय स्थल नहीं हो तो निकटतम निकाय में संचालित आश्रय में इन लोगों के ठहरने की व्यवस्था की जाए।
इन विधवा महिलाओं के रोजगार को लेकर भी सरकार ने पहल की है। इन महिलाओं को डे-एनयूएलएम योजना के एसएम एण्ड आईडी घटक के तहत स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जाएगा। इसमें महिलाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार और स्वरोजगार के लिए बैंक से ऋण भी दिलाया जाएगा। यदि ऐसी महिलाएं पथ विक्रेता के रूप में व्यवसाय करती है, तो उन्हें वेंडिग कार्ड जारी कर प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि के अंतर्गत अनुदानित ऋण एवं वेंडिंग मार्केट में व्यवसाय हेतु प्राथमिकता से स्थान उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही अनाथ बालक, बालिकाओं, विधवा महिलाओं को उनकी योग्यता के अनुसार कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार—स्वरोजगार से भी जोड़ा जाएगा।
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