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मुख्यमंत्री ने टिड्डी दल के जयपुर तक पहुंचने पर जताई चिन्ता, कहा: कंट्रोल करने में केन्द्र करें मदद

locationजयपुरPublished: May 22, 2020 08:03:54 pm

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा: और बढ़ेगा प्रकोप, टिड्डी चेतावनी संगठन मजबूत करे केन्द्र, वीसी में प्रधानमंत्री को दिलाया था ध्यान, केंद्र सरकार आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए

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मुख्यमंत्री ने टिड्डी दल के जयपुर तक पहुंचने पर जताई चिन्ता, कहा: कंट्रोल करने में केन्द्र करें मदद

समीर शर्मा / जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इस साल पहले की अपेक्षा टिड्डियों का प्रकोप अधिक तीव्र होने की आशंका है। टिड्डी चेतावनी संगठन का कार्य केन्द्र के अधीन है, ऐसे में केन्द्र सरकार इसे और अधिक मजबूत करे तथा आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ हुई वीडियो कांफ्रेंस में भी इस मामले पर ध्यान आकर्षित किया गया था। इस बार टिड्डी प्रकोप कई दशकों बाद बदले रूप में सामने आया है और इनके दल अजमेर, जयपुर, करौली, टोंक, दौसा, सवाई माधोपुर सहित अन्य जिलों में पहुंच गए हैं। इन्हें नियंत्रित करने के लिए नए तौर-तरीकों से काम करना होगा। मुख्यमंत्री शुक्रवार को टिड्डी नियंत्रण को लेकर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों के कलक्टरों, टिड्डी चेतावनी संगठन एवं कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से चर्चा कर रहे थे।
खराबे की रिपोर्ट शीघ्र दें कलक्टर
बैठक में निर्देश दिए गए कि टिड्डियों के हमले के कारण फसलों में हुए खराबे की सूचना संबंधित कलक्टर शीघ्र पहुंचाएं, ताकि आवश्यक कार्यवाही की जा सके। अफ्रीकन देशों में टिड्डियों का अत्यधिक प्रजनन हो रहा है। बड़ी संख्या में इन दलों के प्रदेश में पहुंचने की आशंका है। टिड्डियों ने बीते साल भी किसानों को बड़ा नुकसान पहुंचाया था।
जायद की फसलों को नुकसान की आशंका
बैठक में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि 11 अप्रैल को प्रदेश में पाकिस्तानी सीमा से प्रवेश के बाद टिड्डियों के छोटे समूह अन्य जिलों में भी पहुंच गए हैं। इनसे करीब 50 हजार हैक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है। हालांकि इस समय पश्चिम राजस्थान के जिलों में फसलों का समय नहीं होने से किसानों को अधिक नुकसान नहीं हुआ है। कृषि राज्यमंत्री भजनलाल जाटव ने कहा कि सिंचित क्षेत्र होने के कारण यहां अभी जायद की फसलें हो रही हैं, जिनमें नुकसान की आशंका है।
टिड्डी नियंत्रण के उपाय
– नियंत्रण एवं सर्वेक्षण के लिए 115 वाहनों, 600 ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर एवं 3 हजार 200 ट्रैक्टर मय पानी के टेंकर की स्वीकृति।- वाहन किराए पर लेकर टिडिय़ों के नियंत्रण एवं सर्वेक्षण के लिए 5 करोड़ के बजट का प्रावधान।- किसानों को शत-प्रतिशत अनुदान पर पेस्टीसाइड्स उपलब्ध कराया जा रहा है।- टिड्डियों पर रात्रि में नियंत्रण करना आसान है। कार्मिक रात्रि के समय जुटे हुए हैं।

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