बैठक में निर्देश दिए गए कि टिड्डियों के हमले के कारण फसलों में हुए खराबे की सूचना संबंधित कलक्टर शीघ्र पहुंचाएं, ताकि आवश्यक कार्यवाही की जा सके। अफ्रीकन देशों में टिड्डियों का अत्यधिक प्रजनन हो रहा है। बड़ी संख्या में इन दलों के प्रदेश में पहुंचने की आशंका है। टिड्डियों ने बीते साल भी किसानों को बड़ा नुकसान पहुंचाया था।
बैठक में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि 11 अप्रैल को प्रदेश में पाकिस्तानी सीमा से प्रवेश के बाद टिड्डियों के छोटे समूह अन्य जिलों में भी पहुंच गए हैं। इनसे करीब 50 हजार हैक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है। हालांकि इस समय पश्चिम राजस्थान के जिलों में फसलों का समय नहीं होने से किसानों को अधिक नुकसान नहीं हुआ है। कृषि राज्यमंत्री भजनलाल जाटव ने कहा कि सिंचित क्षेत्र होने के कारण यहां अभी जायद की फसलें हो रही हैं, जिनमें नुकसान की आशंका है।
– नियंत्रण एवं सर्वेक्षण के लिए 115 वाहनों, 600 ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर एवं 3 हजार 200 ट्रैक्टर मय पानी के टेंकर की स्वीकृति।- वाहन किराए पर लेकर टिडिय़ों के नियंत्रण एवं सर्वेक्षण के लिए 5 करोड़ के बजट का प्रावधान।- किसानों को शत-प्रतिशत अनुदान पर पेस्टीसाइड्स उपलब्ध कराया जा रहा है।- टिड्डियों पर रात्रि में नियंत्रण करना आसान है। कार्मिक रात्रि के समय जुटे हुए हैं।