मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण प्रदेश के करीब 23 लाख निर्माण श्रमिकों, पांच लाख पंजीकृत कारखाना श्रमिकों तथा शहरी क्षेत्रों के करीब एक लाख स्ट्रीट वेंडर्स पर रोजगार का बड़ा संकट आ खड़ा हुआ है। केन्द्र सरकार इनके लिए राहत पैकेज की घोषणा करे ताकि ये वर्ग अपनी रोजी-रोटी जुटा सकें।
खाद्य सुरक्षा और बेरोजगारी भत्ता मिले
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में दिहाड़ी पर जीविकोपार्जन करने वाले खाद्य सुरक्षा के लाभार्थियों को सबसे अधिक संबल की आवश्यकता है। इस कमजोर वर्ग की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा के लाभार्थियों को आने वाले चार महीनों के लिए निशुल्क गेहूं देने के साथ ही खाद्य सुरक्षा के दायरे से बाहर पंजीकृत निर्माण श्रमिकों एवं स्ट्रीट वेंडर्स को भी फूड सिक्योरिटी के तहत निशुल्क गेहूं दिया जाए।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार आने वाले वक्त में सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से कार्यस्थल तक नहीं पहुंच पाने वाले मनरेगा मजदूरों को इस अधिनियम में दिया जाने वाला बेरोजगारी भत्ता दिया जाए।
उद्योगों को जीएसटी में मिले छूट
गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार अपने क्षेत्राधिकार का उपयोग करते हुए पर्यटन, होटल एवं अन्य एमएसएमई इकाइयों को जीएसटी के भुगतान में छूट दे अथवा इसे स्थगित करने पर विचार करे। साथ ही बैंक ऋणों की किस्तों के पुनर्निर्धारण और चालू वित्त वर्ष में आयकर के भुगतान में छूट देने या इसे स्थगित करने जैसे निर्णय कर उद्योगों को संबल दें।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि राज्य सरकार ने पहल करते हुए प्रदेश में कोरोना से प्रभावित पर्यटन एवं होटल उद्योग के लिए आगामी वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एसजीएसटी प्रतिपूर्ति का आर्थिक पैकेज घोषित किया है और वार्षिक आबकारी शुल्क में भी छूट प्रदान की है।
संक्रमण रोकने के लिए राजस्थान ने उठाए बड़े कदम
गहलोत ने बताया कि राज्य सरकार इस संक्रमण को फैलने से रोकने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। हमारी सरकार ने सभी राजनीतिक दलों, धर्म गुरूओं और गैर सरकारी संगठनों से संवाद कर उनका सहयोग लिया है। सोशल डिस्टेंसिंग की महत्ता को देखते हुए 31 मार्च तक लॉक डाउन जैसे बड़े कदम उठाए गए हैं। लॉक डाउन के दौरान श्रमिकों को सेवा से नहीं निकालने तथा उनकी मजदूरी में कटौती नहीं करने के संबंध में भी अपील की गई है।