गहलोत ने कहा कि मुझे पूरा यकीन है कि दोनों सीटें इस बार कांग्रेस जीतेगी और जीतनी भी चाहिए क्योंकि पिछले चुनाव के दौरान तो भाजपा ने भावनात्मक मुद्दे भी चला दिए थे। अब लोग समझ गए हैं, सरकार बन चुकी है और कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए।
ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर केन्द्र हमारा पैटर्न लागू करें— गहलोत ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर कहा कि केन्द्र सरकार को भी हमारा वाला पैटर्न लागू करना चाहिए क्योंकि बगैर फैसले के लोगों को इतनी तकलीफ होगी कि वह सर्टिफिकेट लेने के लिए मारे मारे फिरते जाएंगे और जिन को लाभ मिलना चाहिए उनको लाभ मिल नहीं पाएगा। 20 साल पहले हमने कैबिनेट में 14 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण का फैसला किया था।
वापस लेंगे मुकदमें— यूथ कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं पर पिछली सरकार के समय दर्ज हुए मुकदमों को लेकर गहलोत ने कहा कि
जो मुकदमे ऐसे हैं जो विड्रॉ किए जा सकते हैं उन्हें सरकार विड्रॉ कर रही है। निकाय चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल पर गहलोत ने कहा कि
हम आचार संहिता लागू होने का इंतजार कर रहें है और हम सब उस काम में जल्दी जुट जाएंगे।
सिंगल विंडो सिस्टम को लेकर गहलोत ने कहा कि दिसंबर तक हमारा प्रयास है कि किस प्रकार से लोगों को अधिक से अधिक सुविधाएं मिले राजस्थान ऑनलाइन क्षेत्र में बहुत आगे बढ़ना चाहता है जिससे कि आईटी का उपयोग आमजन को मिल सके और ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़े। गहलोत ने कहा कि जब केन्द्र ने आरटीआई को कमजोर करने का प्रयास किया तो फिर हमने जन सूचना पोर्टल लागू किया।
पक्ष विपक्ष के बीच अच्छे सम्बन्ध हों—
शेखावत की जयंती पर गहलोत ने उनके लिए कहा कि शेखावत का लंबा संघर्षमय जीवन रहा है। वे मुख्यमंत्री और उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचे। ये गर्व की बात है। उनका व्यक्तित्व, उनका कृतित्व हमेशा याद किया जाएगा। शेखावत और उसके पहले मोहनलाल सुखाडिया के जमाने में पक्ष और विपक्ष के जो संबंध थे वो सौहार्द पूर्ण थे। उसके बाद में कुछ गैप हो गया। राजस्थान की जो परंपराएं हैं उसके अंतर्गत वैसा ही भाईचारे और सद्भाव का माहौल रहना चाहिए। यही हमारी कोशिश है। एक दूसेर पर व्यक्तिगत आरोप लगाना ठीक नहीं है।