scriptप्रतापगढ़, जैसलमेर को छोड़ सभी जिलों में सामान्य से कम बारिश होना चिंताजनक: गहलोत | CM gehlot comment on rain in rajasthan | Patrika News

प्रतापगढ़, जैसलमेर को छोड़ सभी जिलों में सामान्य से कम बारिश होना चिंताजनक: गहलोत

locationजयपुरPublished: Jul 27, 2021 01:35:42 pm

Submitted by:

santosh

आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक में सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पिछले साल के सियासी संकट को याद करना राजनीतिक हलकों में जमकर चर्चा का विषय रहा। इसे मंत्रिमंडल पुनर्गठन से जोड़कर देखा जा रहा है।

ashok_gehlot1.jpg

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
जयपुर। आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक में सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पिछले साल के सियासी संकट को याद करना राजनीतिक हलकों में जमकर चर्चा का विषय रहा। इसे मंत्रिमंडल पुनर्गठन से जोड़कर देखा जा रहा है।

मंत्रिमंडल पुनर्गठन की चर्चाओं के बीच गहलोत ने कहा, मानसून का जो मिजाज है, अजीब बना हुआ है। पिछले साल 14 अगस्त का दिन याद है, जब हमारी बसें फंस गई थीं, विधानसभा में आते-आते। स्थिति तो सबके सामने है, उम्मीद करता हूं कि थोड़ी सम्भावना है, उसमें हम लोग प्रबंधन कर लेंगे।

आपदा प्रबंधन, कृषि, पेयजल, जल संसाधन विभागों की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने सोमवार को यह बात कही। बैठक में मुख्यमंत्री गहलोत, जलदाय मंत्री बीडी कल्ला, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, आपदा राहत राज्यमंत्री राजेन्द्र यादव, कृषि राज्यमंत्री भजनलाल जाटव ने कम वर्षा और बांधों की स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की।

क्यों याद किया पिछला साल
पिछले वर्ष सियासी संकट के दौरान बाड़ाबंदी चल रही थी, तब भाजपा ने विधानसभा में सरकार को बहुमत सिद्ध करने की चुनौती दी थी। दिल्ली रोड स्थित होटल से आते समय भारी वर्षा के दौरान सड़कों पर पानी भर गया था और गहलोत समर्थक गुट के विधायकों की बसें फंस गई थीं।

सौ गज में भी अनिवार्य हो वर्षाजल पुनर्भरण ढांचा
जलदाय मंत्री कल्ला ने सुझाव दिया कि कम वर्षा की स्थिति में जलसंकट से बचाव के लिए सौ गज के मकानों में भी वर्षाजल पुनर्भरण ढांचा अनिवार्य किया जाए। मुख्यमंत्री ने कल्ला के सुझाव का जिक्र कर कहा कि जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए पिछले कार्यकाल में आवासीय एवं अन्य भवनों में वर्षाजल पुनर्भरण ढांचा बनाने पर ध्यान दिया।

सीएम हुए नाराज
शुरुआत में आपदा प्रबंधन सचिव आनंद कुमार का बोझिल प्रजेंटेशन देख कर मुख्यमंत्री गहलोत नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि जब यह मुझे ही समझ नहीं आ रहा, तो जिलों में बैठे लोग इसे क्या समझेंगे। प्रजेन्टेशन ऐसा होना चाहिए, जो आम आदमी को आसानी से समझ में आ जाए। उन्होंने कहा कि आंकड़े आसान भाषा में जिलेवार बताएं कि कितनी वर्षा होनी चाहिए थी, कितनी कम हुई। इसके बाद आनन्द कुमार ने मुख्यमंत्री के कहे अनुसार स्थिति को समझाया।

स्थिति सुधरने की उम्मीद
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतापगढ़ और जैसलमेर को छोड़कर फिलहाल लगभग सभी जिलों में सामान्य से कम बारिश होना चिंताजनक है, लेकिन उम्मीद है आने वाले दिनों में स्थिति सुधरेगी और मानसून अच्छा रहेगा। जिला कलक्टरों को पेयजल, वर्षाजनित हादसे, बाढ़ अथवा सूखे से निपटने को तैयार रहने के निर्देश देने के साथ ही आकस्मिक निधि हस्तांतरित कर दी गई।

कम पानी वाली फसलों की सलाह
कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि बारिश में देरी से अभी फसलों की बुवाई कम हुई है। विभाग की ओर से किसानों को कम समय एवं कम पानी में पैदा होने वाली फसलों की बुवाई करने की सलाह दी जा रही है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो