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सीएम गहलोत ने की जलशक्ति मिशन की सहायता राशि बढाने की मांग

locationजयपुरPublished: Feb 24, 2020 07:39:53 pm

Submitted by:

Prakash Kumawat

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया है कि वह राजस्थान में जल की कमी तथा बड़े रेगिस्तानी भू-भाग को देखते हुए प्रदेश को जल शक्ति मिशन के तहत दी जाने वाली सहायता 50:50 के स्थान पर 90:10 के केन्द्र एवं राज्यांश के अनुपात में उपलब्ध कराए।

CM Gehlot demands to increase the support amount of the Water Power Mi

सीएम गहलोत ने की जलशक्ति मिशन की सहायता राशि बढाने की मांग

केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री को लिखा पत्र
केन्द्र से मांगा 90 प्रतिशत अंशदान

जयपुर
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया है कि वह राजस्थान में जल की कमी तथा बड़े रेगिस्तानी भू-भाग को देखते हुए प्रदेश को जल शक्ति मिशन के तहत दी जाने वाली सहायता 50:50 के स्थान पर 90:10 के केन्द्र एवं राज्यांश के अनुपात में उपलब्ध कराए।
इस संबंध में सीएम गहलोत ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत पत्र लिखा है। पत्र में कहा है कि इस योजना में राजस्थान सहित बिहार, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के लिए केन्द्रीय एवं राज्यांश का अनुपात बराबरी का रखा गया है। जबकि विषम जलवायु परिस्थितियों के कारण राजस्थान की तुलना इन राज्यों से किया जाना उचित नहीं है। राजस्थान न केवल क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य है अपितु इन राज्यों की तुलना में हमारे प्रदेश में जल की उपलब्धता बहुत कम है। राजस्थान का 85 प्रतिशत भाग डार्क जोन में है। साथ ही देश के एक-तिहाई जलीय गुणवत्ता प्रभावित गांव एवं ढाणियां भी राजस्थान में स्थित हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मरूस्थलीय इलाकों में राज्य की ज्यादातर गांव-ढाणियां छितरे रूप से दूर-दूर बसी हुई हैं। इस कारण पेयजल योजनाओं की लागत अन्य राज्यों की तुलना में काफी अधिक आती है। पानी की विकट समस्या वाले राज्य के पूर्वी भाग के 13 जिलों में प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 5 लीटर के अनुसार पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नदियाें को जोड़ने की योजना हाथ में लेनी पड़ेगी, जिसकी लागत अत्यधिक होगी। पूर्व में भी वर्ष 2013 तक राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत मरूस्थलीय क्षेत्रों के लिए 90 अनुपात 10 के आधार पर ही केन्द्रीय सहायता उपलब्ध कराई जाती थी, जिसे घटाकर पहले तो 60 अनुपात 40 तथा बाद में 50 अनुपात 50 कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने पत्र में यह भी कहा कि राज्य के वित्तीय संसाधनों की सीमित उपलब्धता तथा विषम परिस्थितियों के मद्देनजर पेयजल के इस कार्य के लिए राजस्थान को अधिक केन्द्रीय सहायता की आवश्यकता है।

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