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‘जयपुर के शाहीन बाग’ में पहुंचे CM गहलोत, कहा- विभाजनकारी कानून वापस ले केन्द्र सरकार

locationजयपुरPublished: Feb 14, 2020 11:00:52 pm

Submitted by:

abdul bari

जयपुर के शहीद स्मारक पर दिल्ली के शाहीन बाग ( CAA Protest In Delhi ) की तर्ज पर CAA, NPR तथा राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर ( NRC ) के विरोध में चल रहे अनिश्चितकालीन धरने में ( CAA Protest In Jaipur ) शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( CM Ashok gehlot ) शिरकत की।

CM Gehlot in Protest Against CAA NRC At Shaheed Smarak

CM Gehlot in Protest Against CAA NRC At Shaheed Smarak

जयपुर
जयपुर के शहीद स्मारक पर दिल्ली के शाहीन बाग ( CAA Protest In Delhi ) की तर्ज पर CAA, NPR तथा राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर ( NRC ) के विरोध में चल रहे अनिश्चितकालीन धरने में ( CAA Protest In Jaipur ) शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( CM Ashok gehlot ) शिरकत की। इस दौरान गहलोत ने कहा कि देश के आम लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए केन्द्र सरकार को हाल में बनाए गए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) तथा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की प्रक्रिया पर रोक लगानी चाहिए।
‘मुख्यमंत्री कह चुके हैं CAA और NRC को लागू नहीं करेंगे’

सीएम ने यहां मौजूद ( Shaheed Smarak at Jaipur ) लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें देश में ऐसा माहौल बनाना चाहिए कि सभी धर्मों और जातियों के लोग शांति, सद्भाव और प्रेम के साथ मिल-जुलकर रहें। देशभर में 300-400 जगह पर केन्द्र सरकार के विभाजनकारी निर्णयों के विरूद्ध धरने-प्रदर्शन और आंदोलन चल रहे हैं। अधिकांश राज्यों के मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि सीएए और एनआरसी को लागू नहीं करेंगे। ऐसे में, केन्द्र सरकार को चाहिए कि वह स्वयं ही संविधान की मूल भावना को नष्ट करने वाले कानून और इससे जुड़ी प्रक्रियाओं को वापस ले लें।

‘जनता को लाइनों में खड़ा करने का कोई अर्थ नहीं’

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश में अराजकता और डर की स्थिति बनी हुई है। जनता भली-भांति समझती है कि सीएए और एनआरसी देश के संविधान के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि एनआरसी के लिए 76000 करोड़ रूपये खर्च करना और सारे देश की जनता को लाइनों में खड़ा करने का कोई अर्थ नहीं है। असम में एनआरसी की प्रक्रिया के दौरान गरीब लोगों को, जिसमें सभी धर्म-जातियों के लोग शामिल हैं, नागरिकता सूचियों में नाम दर्ज कराने में कितनी तकलीफें झेलनी पड़ी हैं। उन्होंने कहा कि वहां एनआरसी के लिए 1600 करोड़ रूपए खर्च करने के बाद अब राज्य सरकार इसे लागू नहीं करना चाहती। उन्होंने कहा कि जो कानून लागू नहीं हो सकता, उसके लिए कवायद क्यों की जा रही है।

‘राज्यों में भी जनता के चुने हुए मुख्यमंत्री हैं’


गहलोत ने धरने में शामिल लोगों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार नागरिकों के बीच भेद करने वाले कानून सीएए और एनआरसी को लागू होने से रोकने के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि इस विषय में केन्द्र सरकार को उचित जवाब दिया जाएगा। यह सही है कि नरेन्द्र मोदी देश के चुने हुए प्रधानमंत्री हैं, लेकिन राज्यों में भी जनता के चुने हुए मुख्यमंत्री हैं। यदि राज्य विधानसभाओं के सदस्यों ने संकल्प पारित कर इन विभाजनकारी कानूनों के बारे में जनता की भावना से केन्द्र सरकार को अवगत कराया है, तो उन्हें इन पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता का फैसला सर्वोपरि होता है और हमारे देश की जनता कब अपना निर्णय सुना दे, इसकी किसी को कानों-कान खबर नहीं होती।
‘हम सब हिन्दुस्तानी हैं और राष्ट्रभक्त हैं’

इस बीच गहलोत ने जयपुर के ऐतिहासिक शांति मार्च में शामिल होने के लिए लोगों को धन्यवाद देते हुए कहा कि 4-5 लाख लोग राष्ट्रीय तिरंगा झण्डा हाथ में लेकर मार्च में शामिल हुए और कोई भी नारा नहीं लगा। उन्होंने कहा कि इस आयोजन के दौरान राजस्थान की जनता ने पूरे देश को यह संदेश दिया है कि हम सब हिन्दुस्तानी हैं और राष्ट्रभक्त हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार में बैठे लोगों को यह समझना चाहिए कि जनभावना का आदर करके ही शासन किया जा सकता है।
यह भी रहे मौजूद

इस दौरान सूचना एवं जनसम्पर्क राज्य मंत्री सुभाष गर्ग, विधायक रफीक खान और अमीन कागजी, आरटीडीसी के पूर्व चेयरमैन राजीव अरोड़ा, अन्य जनप्रतिनिधि, गणमान्यजन एवं बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी महिलाएं एवं पुरूष मौजूद थे।
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